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Ajmer जलकुंभी भी 'फैलने' को तैयार, बारिश में एस्केप चैनल में बह जाएगी

 
Ajmer जलकुंभी भी 'फैलने' को तैयार, बारिश में एस्केप चैनल में बह जाएगी
अजमेर न्यूज़ डेस्क, अजमेर आनासागर झील में बेकाबू जलकुंभी अब छलकने को तैयार है। झील में एक फीट पानी की आवक के साथ ही यह एस्कैप चैनल के गेट से छलक पड़ेगी। इसका खामियाजा न केवल एस्कैप चैनल से सटी आबादी को भुगतना पड़ेगा वरन यह खानपुरा तालाब तक पहुंचकर उसे भी दूषित करेगी, जिससे आगे भी मवेशियों व जलीय जीवों को संकट उत्पन्न हो सकता है। जानकारी के अनुसार अभी झील का जलस्तर करीब 12 फीट है, जबकि यह 13 फीट पर इसकी चादर चल जाती है। मानसून में 30 दिन भी नहीं हैं। मौसम विभाग के जानकारों के अनुसार एक जून को केरल व 20 जून को राजस्थान में प्रवेश करेगा। ऐसे में यदि झील से जलकुंभी खत्म नहीं की गई तो यह पानी के ओवरलो के साथ आगे बढ़ जाएगी। निगम के अधिकारियों का कहना है कि जलकुंभी के लिए वैज्ञानिक प्रयोग किए जा रहे हैं मानवीय श्रम से भी रोजाना जलकुंभी के करीब 150 ट्रेक्टर निकाले जा रहे हैं। उमीद है कि बारिश से पूर्व जलकुंभी को पूरी तरह से खत्म किया जाएगा।

‘वाहनों में ढंककर ले जाएं जलकुंभी’

अजमेर स्थाई लोक अदालत ने नगर निगम को पाबंद किया है कि वह जलकुंभी का परिवहन करते समय उसे ढंककर ले जाएं जिससे रास्ते में यह कहीं नहीं गिरे। इसके साथ ही खुले भूखंडों में जलकुंभी को नहीं डालने के भी आदेश दिए हैं। जलकुंभी को लेकर वकील योगेंद्र ओझा की ओर से दायर याचिका पर बुधवार को सुनवाई के बाद अंतरिम आदेश दिए। ओझा ने बताया कि सुनवाई के दौरान नगर निगम के एक्सईएन मनोहर सोनगरा मौजूद रहे। अमल में नहीं लाने पर गंभीर कार्रवाई के मौखिक आदेश भी दिए गए।