Ajmer किसान को मिल रहे औने-पौने दाम, बिचौलिए कमा रहे मुनाफा
अजमेर न्यूज़ डेस्क, अजमेर किसानों की दोगुना आय बढ़ाने का सरकार भले ही प्रयास कर रही हो मगर जमीनी हकीकत कुछ ओर ही है। अनाज, सब्जियों का उत्पादन करने वाले किसानों का साहूकारों एवं बिचौलियों के हाथों शोषण हो रहा है। पुष्कर क्षेत्र की सब्जियों की धाक जिले में ही नहीं देश की राजधानी तक है। मगर यहां के किसानों को बाजार से भी दस गुना कम दाम सब्जियों का मिल रहा है। हालात यह है कि कई सब्जियां चारे से भी कम दामों में बिक रही हैं। खेत में सब्जी के ढेर लगाते किसान से जब हकीकत जानी तो माजरा समझ में आया। किसान की जुबां पर दर्द छलक गया।
पुष्कर के निकट भगवानपुरा गांव में बुधवार को मंडी एवं बाजार तक सब्जी भिजवाने की तैयार करते किसान परिवार एवं मजदूरों से जब भाव को लेकर बात की तो चौंक गया। भगवानपुरा निवासी किसान कैलाश ने बताया कि मूली 2 से 3 रुपए किलोग्राम के भाव से बेच रहे हैं। जबकि बाजार में पुष्कर क्षेत्र की मूली के भाव 20 रुपए किग्रा है। पालक के भाव भी 2 से 3 रुपए किग्रा बताया। किसान ने बताया कि सर्दी में टमाटर की फसल खराब होने के कारण अभी नहीं लगाई है। लेकिन टमाटर भी 20 रुपए किग्रा में बेचे हैं। यही स्थिति आंवला की है। आंवला खेतों में 10 रुपए किग्रा बिक रहा है तो बाजार में 40 रुपए किग्रा में बेच रहे हैं।
पुष्कर क्षेत्र की सब्जियों की भारी डिमांड
पुष्कर, भगवानपुरा, कड़ैल, देवनगर, मोतीसर, चावण्डिया सहित आसपास के क्षेत्र के खेतों की सब्जियों की डिमांड अधिक है। यहां ट्यूबवेल एवं कुओं के शुद्ध पानी से सब्जियां तैयार होती हैं।
सब्जी उत्पादन के खर्चे पर एक नजर
किसान ने बताया कि 1 बीघा में मूली के लिए करीब 20 हजार रुपए का खर्चा आया है। तीन महीने में फसल तैयार हुई लेकिन इससे आय 10 से 12 हजार रुपए हुई है। मूली जमीन से निकालने के लिए प्रति मजदूर 300 रुपए एवं सफाई व धुलाई के प्रति मजदूर 300 रुपए खर्च आता है। मूली की ढेरियां बनाने वाले श्रमिक को प्रतिदिन 700 रुपए का भुगतान किया जा रहा है। मिर्च, टमाटर, बैंगन आदि सब्जियों की भी यही स्थिति है।