Ajmer सपनों की फसल सींचकर रिकॉर्डिंग स्टूडियो पहुंचा किसान, गाया गीत

अजमेर न्यूज़ डेस्क, अजमेर रामराज ने बताया कि उसने ब्रिटिश-जर्मन युद्ध के दौरान भारमल गुर्जर के योगदान पर कथा की संगीतमयी रचना की। भगवान देवनारायण और राजा मोरध्वज की कथा की संगीतमय प्रस्तुति दी। भारत की ओर से हाल में छोड़े गए चन्द्रयान रॉकेट पर कविता रचकर संगीत के साथ प्रस्तुत की। रामराज की ग्यारहवीं में पढ़ रही पुत्री रेनू भी गाती है। उसके दो पुत्र हैं, जिन्हें पढ़ाकर काबिल बनाना चाहता है। जिले का छातड़ी निवासी कृषक रामराज गुर्जर (44) अपनी गायकी से छाप छोड़ रहा है। खासकर देशभक्ति गीतों की खुद ही रचना कर संगीत भी दे रहा है। खेतों से निकल कर किसान स्टूडियो में पहुंच कर अपने देशभक्ति के गीतों के जरिये सुर्खियां बटोर रहा है।
बातचीत में रामराज ने लेखन व संगीत प्रेम को जाहिर किया। उसने बताया कि वह खेती-मजदूरी कर परिवार की आजीविका चलाता है। पिता किशनलाल गुर्जर भी खेती करते थे। गरीबी के कारण वह भी सातवीं में पढ़ाई छोड़कर खेती में हाथ बंटाने लगा। छोटी उम्र में गाने का शौक था लेकिन पारिवारिक हालात के चलते मौका नहीं मिला। लेकिन खेतों में काम के दौरान भी उसने दिलो-दिमाग में उमड़ते-घुमड़ते देशभक्ति के भाव व हालात आदि पर कुछ लिखना शुरू किया। बाद में इन्हें गीत के रूप में लोगों को भी सुनाता।
अजमेर. खेती-मजदूरी कर परिवार का भरण-पोषण करने वाले किसान ने अभावों के बावजूद अपने संकल्प और सपनों की फसल को भी उसी शिद्दत से सींचा और अपनी अलग पहचान बनाई। अजमेर जिले में ऐसा ही एक कृषक है जिसने कल्पना को कागज पर उकेरा और शब्दों को सुर-ताल में बांधकर कुछ नया कर दिखाया। बेहतर आवाज ने स्टूडियो दिखाया : रामराज ने बताया कि कुछ कार्यक्रमों में उसे सुनने के बाद एक रिकॉर्डिंग स्टूडियो संचालक ने उससे संपर्क कर कई देशभक्ति गीत, गाने रिकॉर्ड करवाए। इससे लोग उससे सुनने को आतुर रहते हैं।