Ajmer डवेज कर्मियों ने अर्धनग्न होकर किया प्रदर्शन, सरकार पर वादाखिलाफी का आरोप

अजमेर न्यूज़ डेस्क, अजमेर राजस्थान रोडवेज के श्रमिक संगठनों के संयुक्त मोर्चा के द्वारा केंद्रीय बस स्टैंड पर अर्धनग्न प्रदर्शन किया। सरकार पर वादा खिलाफी करने का आरोप लगाते हुए रोष जताया। मांग की गई कि सरकार जनकल्याण योजनाओ के तहत आमजन को सुलभ परिवहन व्यवस्था के लिए 25 हज़ार बसों की खरीदकर दे, वहीं सेवानिवृत रोडवेज कर्मचारियों की 12 महीने से पेंडिंग परिलाभ का भुगतान करें। राजस्थान रोडवेज के श्रमिक संगठनों के संयुक्त मोर्चा के तत्वावधान में एटक- सीटू - इटक रिटायर्ड एसोसिएशन कल्याण समिति के द्वारा अजमेर जिले के केंद्रीय बस स्टैंड पर अर्धनग्न प्रदर्शन किया। इस दौरान बताया गया कि राज्य सरकार के द्वारा 2018 के घोषणा पत्र में रोडवेज को लेकर किए गए वादों को पूरा नहीं करने के विरोध में यह प्रदर्शन किया गया।
इस दौरान बजरंग लाल शर्मा ने सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि राज्य सरकार को उनकी विभिन्न समस्याओ से अवगत कराने के लिए पिछले महीने 1 जुलाई से प्रदर्शन किया जा रहा है। 11 अगस्त को जयपुर में महा रैली होनी प्रस्तावित थी, लेकिन सरकार ने अनुमति नहीं दी। जिसके बाद महारैली को आम सभा में तब्दील करना पड़ा। उन्होंने राज्य सरकार आरोप लगते हुए कहा कि सरकार ने अपने घोषणा पत्र में दर्शाया था कि बसों के बड़े में बसों की संख्या बढाई जाएगी। उनके मार्गो में वृद्धि की जाएगी और रोडवेज को सुचारु रूप से चलाने के लिए एक ठोस निति का निर्धारण किया जाएगा। लेकिन ऐसा कछ नहीं किया। उन्होंने कहा कि अगर उनकी मांगे पूरी नहीं होती तो वे उग्र आंदोलन करेंगे।
स्कूल की अव्यवस्थाओं पर ग्रामीणों में रोष
अजमेर जिले के कांकनियावास में ग्रामीणों ने राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय की अव्यवस्थाओं, प्रधानाचार्या व अध्यापकों की कमी को लेकर रोष जताया। ग्रामवासियों ने विद्यालय में प्रधानाचार्य, शिक्षक व व्याख्याता नहीं होने की अव्यवस्थाओं को लेकर विरोध किया। ग्रामीणें का कहना था कि अध्यापकों का समय पर नहीं आते हैं, एसडीएमसी और एसएमसी का रिकॉर्ड भी नहीं है। इसके अलावा एसडीएमसी कमेटी के वार्षिक प्लान नहीं बनाने जैसी समस्याओं पर विरोध जताया। ग्रामवासी श्रवण जाजून्दा, सुमेर सिंह, आशू मोहम्मद, महबूब, विकास चौधरी, शाहरुख, रोशन, महेंद्र, पुखराज, लक्ष्मण, रामजीलाल वर्मा ने बताया कि यहां पढ़ाई की व्यवस्था बेहद लचर है। विभिन्न विषयों से जुड़े सवाल पूछने पर स्टूडेंट्स उसका जवाब नहीं दे पाते हैं। इस विद्यालय में पहले 300 विद्यार्थीयों का नामांकन था लेकिन वर्तमान में 146 स्टूडेंट्स का ही नामांकन है।