Ajmer डॉक्टर के घर डकैती का आरोपी पुलिस जांच में ढिलाई के कारण कोर्ट से बरी
न्यायाधीश पिलानिया ने 18 पृष्ठीय विस्तृत फैसले में लिखा कि अनुसंधान अधिकारी नाथूलाल ने साक्ष्यों का संकलन नहीं किया। मात्र खानापूर्ति कर आरोप पत्र पेश कर प्रकरण में लापरवाही दिखाई व अपने कर्तव्यों के प्रति उदासीन रहा। इसी प्रकार अन्य गवाह तहसीलदार प्रीति चौहान ने भी आरोपी की शिनाख्तगी परेड की कार्यवाही में लापरवाही बरतते हुए निर्धारित प्रविष्टियों को पूर्ण नहीं किया। यह भी अपने कर्तव्य निर्वहन में लापरवाही दर्शाती है। अदालत ने फैसले में लिखा कि अभियोजन के दोनों गवाहों ने कर्तव्य निर्वहन में घोर लापरवाही बरती व उदासीन रहे। अनुसंधान अधिकारी नाथूलाल के लिए पुलिस महानिरीक्षक अजमेर रेंज व तहसीलदार प्रीति चौहान के लिए संभागीय आयुक्त को पत्र लिखकर नियमानुसार अनुशासनात्मक कार्रवाई को लिए पृथक से पत्र जारी करने के आदेश दिए।
आरोपी से कोई बरामदगी नहीं
वारदात के 10 साल बाद गिरफ्तार
विदेश से लाने संबंधी रिकार्ड नहीं
शिनाख्तगी परेड का सही इंद्राज नहीं
कोर्ट में आरोपी को नहीं पहचाना
इनकी जांच थी लंबित
सलीम, मानिक, छोटा इंदा, बड़ा इंदा के खिलाफ मफरुरी में जांच लंबित रखी। इनमें से सलीम को अदालत ने बरी कर दिया। सलीम की पैरवी वकील शफकत उल्लाह सुल्तानी व सुनीता कंवर ने की। आरोपी सत्तार उर्फ गाजी 27 अप्रेल 2013 से फरार है।