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Ajmer हर साल शहर का विस्तार हो रहा है, बुनियादी सुविधाओं की जरूरत है

 
Ajmer हर साल शहर का विस्तार हो रहा है, बुनियादी सुविधाओं की जरूरत है

अजमेर न्यूज़ डेस्क, अजमेर   अरावली की पहाड़ियों से घिरा अजमेर हर साल करीब 1.50 वर्गकिमी औसत की दर से फैलाव ले रहा है। 2010 तक अजमेर का क्षेत्रफल 150 वर्ग किमी था जो अब बढ़कर करीब 300 वर्ग किमी हो गया है। लेकिन शहरीकरण के विस्तार के अनुपात में शहरी प्रबंधन कतई बेहतर नहीं है। शहरी सीमा की कई कॉलोनियां तथा सटे गांव बदहाल हैं। कहीं कम प्रेशर से जलापूर्ति, कहीं गंदे नाले, अतिक्रमण, पानी के भराव व क्षतिग्रस्त सड़कों के हालात और समस्याएं हैं। जन सुविधाओं के बेहतर प्रबंधन के लिए नगर निगम में वार्ड की संख्या 55 से बढ़ाकर 80 की गई। इन्हें सेक्टर में बांटकर अधिकारियों को जिम्मेदारी सौंपी गई है। राजस्व वसूली से लेकर सफाई, पानी, सीवेज, भवन अनुज्ञा और आदि के लिए गाइडलाइन बनी हुई है। लेकिन निगम प्रशासन के ढीले प्रबंधन, लापरवाही और अफसर-कर्मचारियों पर माकूल नियंत्रण व फॉलोअप नहीं होने से सुविधाओं में अपेक्षित सुधार नहीं हुआ है। छोटे-छोटे वार्ड आपस में सटे होने से सड़क, नाली निर्माण आदि के जरूरी कार्य आसानी से नहीं हो रहे हैं।

इन समस्याओं का नहीं कोई समाधान

●कॉलोनी में टूटी सड़कों की नियमित मरम्मत

●वार्ड अथवा डिपो से कचरे का उठाव

●नालों की सफाई

●रोज नहीं चलती निगम की मैकेनाइज्ड ब्रशिंग मशीन

●70 प्रतिशत सड़कों के फुटपाथ पर अस्थाई अतिक्रमण

बरसों पुरानी समस्याएं बरकरार

दूरस्थ व ऊंचाई वाले इलाके सालों से पानी के कम प्रेशर व अनियमित जलापूर्ति के संकट से नहीं उबर पा रहे हैं। सड़कें बदहाल हैं। कई पॉश कॉलोनियों से सटे खुले भाग डंपिंग यार्ड में तब्दील हो चुके हैं। पहाड़ों से आने वाला बारिश का पानी कॉलोनियों में इकट्ठा होकर मिनी तालाब का रूप ले लेता है। मच्छर व बदबू से क्षेत्र में बीमारियां फैलने की आंशका बनी रहती है। वैशाली नगर, पंचशील, झलकारी बाई स्मारक, आनंद नगर, आनासागर लिंक रोड, लोहागल, हरिभाऊ उपाध्याय नगर सहित अन्य इलाकों की कुल आबादी करीब 1.50 लाख है। माकड़वाली गांव भी नगर निगम सीमा में शामिल है। इतनी आबादी के बावजूद एक ही पुलिस थाना क्रिश्चियनगंज है। पेयजल और सीवेज की सुविधाएं भी कई इलाकों में नहीं हैं।