Ajmer बदलती तकनीक से लग रहा मौसम का सटीक पूर्वानुमान
पहले मैन्युअल होते थे पूर्वानुमान
20 साल पहले तक मौसम से संबंधित ज्यादा पूर्वानुमान मैन्युअल होते थे। इनमें मौसम का आकलन, अंधड़, तूफान, बरसात, बादलों के मूवमेंट सहित अन्य जानकारी शामिल होती थी। कई बार जानकारी सही नहीं होने से पूर्वानुमान सवालिया हो जाते थे।
सप्ताह से महीने तक के पूर्वानुमान
मौमस में बदलाव को लेकर प्रति सप्ताह से एक महीने तक पूर्वानुमान लगाना आसान हो गया है। आधुनिक उपकरणों के कारण अधिकांश जानकारी 80 प्रतिशत तक सही होती हैं। इससे कृषि, उद्यानिकी, उद्योग एवं वाणिज्य सहित आमजन तक सही सूचना पहुंच रही है।
रडार के कारण हुई जानकारी आसान
डॉप्लर रडार के कारण मौसम का पूर्वानुमान और जानकारी लेना आसान हो गया है। इसकी दो रेंज होती हैं। एक रेंज में यह अधिकतम 400 किलोमीटर व न्यूनतम रेंज में 200 से 250 किलोमीटर तक एरिया कवर करता है। इसके जरिए बादलों की गति, ऊंचाई, दिशा परिवर्तन आदि का आंकलन आसान हो रहा है।