अजमेर में कलंदर-मलंगों का अद्भुत जुलूस, हैरतअंगेज करतबों ने खींचा लोगों का ध्यान
राजस्थान के अजमेर शहर में उस समय आस्था और रोमांच का अनोखा संगम देखने को मिला, जब देशभर से कलंदर और मलंग बड़ी संख्या में यहां पहुंचे। परंपरागत रीति-रिवाजों के तहत उन्होंने शहर की सड़कों पर जुलूस निकाला और ऐसे हैरतअंगेज करतब दिखाए, जिन्हें देखकर लोग दंग रह गए। यह नज़ारा देखने के लिए सड़कों के दोनों ओर बड़ी संख्या में श्रद्धालु और दर्शक जमा हो गए।
जुलूस के दौरान कलंदरों और मलंगों ने अपने-अपने तरीके से आस्था का प्रदर्शन किया। किसी ने अपनी जीभ में लोहे की नुकीली छड़ घुसा ली, तो किसी ने छड़ को गर्दन के आर-पार कर दिया। कुछ मलंगों ने शरीर के अन्य हिस्सों में भी लोहे की छड़ें और नुकीली वस्तुएं डाली हुई थीं। इन करतबों को देखकर लोग सहमे हुए भी नजर आए और हैरानी से उन्हें निहारते रहे।
कलंदर-मलंगों का यह जुलूस पारंपरिक ढोल-नगाड़ों और धार्मिक नारों के बीच निकाला गया। जुलूस में शामिल लोग रंग-बिरंगे परिधानों में नजर आए और उनके चेहरे पर अटूट आस्था और समर्पण साफ दिखाई दे रहा था। माना जाता है कि इस तरह के करतब आस्था, तपस्या और ईश्वर में विश्वास का प्रतीक होते हैं, जिसे कलंदर और मलंग वर्षों की साधना से प्राप्त करते हैं।
स्थानीय लोगों के अनुसार, हर साल खास मौके पर देश के अलग-अलग हिस्सों से कलंदर और मलंग अजमेर पहुंचते हैं। अजमेर शरीफ दरगाह से जुड़ी परंपराओं के तहत यह जुलूस निकाला जाता है, जिसे देखने के लिए बड़ी संख्या में श्रद्धालु उमड़ते हैं। कई लोग इन करतबों को करामात मानते हैं, तो कुछ इसे साहस और साधना का उदाहरण बताते हैं।
जुलूस के दौरान सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए थे। पुलिस और प्रशासन की टीम पूरे मार्ग पर तैनात रही, ताकि किसी तरह की अव्यवस्था न हो। मेडिकल टीम भी अलर्ट मोड पर रही, हालांकि जुलूस के दौरान किसी के घायल होने की सूचना नहीं मिली।
कलंदरों और मलंगों के इस जुलूस ने अजमेर की सड़कों को कुछ देर के लिए आस्था और रोमांच के रंग में रंग दिया। यह आयोजन न केवल धार्मिक परंपराओं को दर्शाता है, बल्कि देश की विविध सांस्कृतिक और आध्यात्मिक विरासत की झलक भी पेश करता है। जुलूस समाप्त होने के बाद श्रद्धालुओं ने राहत की सांस ली और इस अनोखे नज़ारे को लंबे समय तक याद रखने की बात कही।
