Ajmer 10 दिवसीय गणेश महोत्सव आज से शुरू, गणेश की मूर्तियों की खरीददारी में उछाल
अजमेर न्यूज़ डेस्क, श्री गणेश चतुर्थी के अवसर पर शुरू होने वाले दस दिवसीय गणेश महोत्सव के तहत श्री गणेश की मूर्तियों की खरीददारी ने जोर पकड़ लिया है। शहर के अलग-अलग स्थानों पर फुटपाथों पर सजे अस्थाई बाजार में लोग इन मूर्तियों की खरीददारी कर रहे हैं। विक्रेताओं का कहना है कि सोमवार व मंगलवार को मूर्तियों की बम्पर बिक्री की उम्मीद है। बाजार में साइज के हिसाब से 200 रुपए से लेकर 6 से 7 हजार रुपए की मूर्तियां उपलब्ध हैं। जो बरबस ही लोगों को अपनी ओर आकर्षित कर रही हैं। भगवान गणेश की मूर्तियों के निर्माण के लिए बीते दो तीन महीने से शहर में तैयारियों का दौर चल रहा है। स्थानीय कारीगरों (कुम्हार) के साथ ही जोधपुर, बीकानेर, भीलवाड़ा सहित अन्य शहरों से कारीगरों ने यहां डेरा डाला हुआ था। कड़ी मेहनत के बाद इन मूर्तियों का निर्माण किया गया और अब इनकी बिक्री का दौर शुरू हो गया। विक्रेताओं ने बताया कि मूर्तियों को ईको फ्रैंडली बनाया गया है। इसीलिए मिट्टी का ज्यादा से ज्यादा इस्तेमाल किया गया है। जिससे पर्यावरण प्रदूषित ना हो। हालांकि कई कारिगरों ने मूर्तियों के निर्माण में प्लास्टर ऑफ पेरिस का उपयोग किया है, लेकिन इसकी मात्रा कम ही रखी गई है।
आनासागर चौपाटी, आनासागर लिंक रोड, मार्टिण्डल ब्रिज, ब्यावर रोड, नसीराबाद रोड, श्रीनगर रोड, पहाड़गंज सहित कई मार्गों पर फुटपाथ मूर्तियों का अस्थाई बाजार सजाया गया है, यहां 200 रुपए से लेकर 6 से 7 हजार की मूर्तियां उपलब्ध है। विक्रेताओं के अनुसार मूर्तियों के साइज के हिसाब से इनकी कीमती तय की गई है। विक्रेताओं के अनुसार 200 से 700 रुपए तक की छोटी मूर्तियों की अधिक मांग है, क्योंकि अधिकतर लोग महोत्सव के तहत इनकी अपने घरों में स्थापना कर विशेष पूजा अर्चना करते हैं। जबकि बड़ी मूर्तियों की मांग कम ही है, क्योंकि इन्हें सिर्फ सामूहिक रूप से मनाए जाने वाले महोत्सव के लिए ही खरीदा जाता है और यह कार्यक्रम कम ही होते हैं।
इस बार शहर में मुंबई, गुजरात, गोकुल और राजस्थान के गणेशजी की बड़ी मूर्तियों की धूम मची हुई है। कारीगरों द्वारा तैयार की गई मुंबई के लाल बाग के राजा, गुजरात के साफा पहने श्री गणेश, गोकुल के बांसुरी बजाते गणेश तथा राजस्थान के पहाड़ी पर विराजित गणेश की मूर्तियां लोगों को पसंद आ रही है। खासतौर पर इन मूर्तियों की स्थापना सार्वजनिक स्थलों पर आयोजित होने वाले महोत्सव के तहत होगीजो शहर के अलग- अलग स्थानों पर आयोजित होंगेयह महोत्सव विभिन्न धार्मिक और सामाजिक संस्थाओं की ओर से आयोजित किए जाएंगे।