Tonk कमल के फूल पर बैठे लोक देवता भगवान देवनारायण की पेंटिंग मार्च में रूस में होगी प्रदर्शित

टोंक न्यूज़ डेस्क, टोंक लोकदेवता भगवान देवनारायण की पेंटिंग मार्च में रूस में आयोजित अंतर्राष्ट्रीय चित्रकला प्रदर्शनी में नजर आएगी तथा रूस के लोग उनके दर्शन के साथ ही लोकदेवता से परिचित हो सकेंगे। बेरोजगार कला शिक्षक अभ्यर्थी संगठन के पदाधिकारी एवं चित्रकार महेश गुर्जर ने भगवान देवनारायण जयंती के उपलक्ष्य में बनाई गई इस पेंटिंग से रूबरू कराया। जो पेंटिंग उन्होंने ऑनलाइन रूस की प्रदर्शनी के लिए बनाई है। उनसे प्रदर्शनी के लिए रूस की संस्थान ने पेंटिंग ऑनलाइन मांगी थी।
जिसके तहत उन्होंने श्री देवनारायण की पेंटिंग बनाई है। जो ऑनलाइन रूस की प्रदर्शनी के लिए भेजी गई है। उल्लेखनीय है कि ऑनलाइन एक अंतर्राष्ट्रीय कार्यक्रम में भी वो जुड़े तथा उन्होंने रूस के लोगों को लोकदेवता भगवान देवनारायण, वीर तेजाजी, रामदेव जी महाराज सहित लोक देवताओं व फड़ कला चित्रण की जानकारी दी थी। उनको रूस की एक संस्था द्वारा सम्मान पत्र भी ऑनलाइन भेजा गया। अब चित्रकार गुर्जर ने लोकदेवता भगवान देवनारायण की पेंटिंग को राजस्थान कल्चर, संस्कृति की वेशभूषा एवं स्थानीय कला के रंगों से सुसज्जित किया है। महेश गुर्जर ने बताया कि रूस में मार्च महीने में होने वाली चित्रकला प्रदर्शनी के लिए कमल के फुल पर विराजमान भगवान देवनारायण की पेंटिंग बनाई है। जिसे ऑनलाइन भेजा जाएगा तथा वहां पर प्रिंट होकर ये आयोजित अंतर्राष्ट्रीय प्रदर्शनी में सुशोभित की जाएगी। रूस की उच्च शिक्षा संस्थान सेंट पीटर्सबर्ग स्टेट यूनिवर्सिटी ऑफ इंडस्ट्रियल टेक्नोलॉजी एंड डिजाइन (एसपीबीएसयूआईटीडी), डिजाइन और ललित कला संस्थान और स्मारक कला विभाग द्वारा सेंट पीटर्सबर्ग शहर में वार्षिक अन्तर्राष्ट्रीय चित्रकला प्रदर्शनी-प्रतियोगित क्रिएटिव स्प्रिंग का आयोजन मार्च महीने में किया जाएगा।
जिसमें लोकदेवता भगवान श्री देवनारायण की कैनवास पर एक्रिलिक रंग से बनाई गई पेंटिंग प्रदर्शित होगी। चित्रकार महेश गुर्जर ने बताया कि इस पेंटिंग के माध्यम से भारत की कला संस्कृति लोक देवताओं से रूस के लोगों को परिचित कराना चाहते हैं। उल्लेखनीय है कि टोंक के चित्रकार महेश गुर्जर को राजस्थान की फड़ कला और लोक देवताओं पर व्याख्यान देने के लिए रूस की सेंट पीटर्सबर्ग स्टेट यूनिवर्सिटी ऑफ़ इंडस्ट्रियल टेक्नोलॉजी एंड डिज़ाइन ने पुरस्कृत प्रमाण पत्र से सम्मानित किया था। सम्मेलन में व्याख्यान के लिए रूस की इस यूनिवर्सिटी ने भारत से एकमात्र चित्रकार महेश गुर्जर को दिसंबर 2024 में आमंत्रित किया था। लेकिन वो जा नहीं पाए।
गौरतलब है कि महेश गुर्जर राजस्थान के बेरोजगार चित्रकारों की भर्ती के लिए पिछले करीब 15 साल से संघर्षरत है। प्रदेश स्तर पर अपनी पहचान रखने वाले गुर्जर कला को बढ़ावा देने के लिए भी अपनी महत्ती भूमिका निभाते रहे हैं। महेश गुर्जर ने कोरोना के समय भी अपनी कला से संदेश दिया था। जो पेंटिंग सोमवार को रूस के मास्को शहर में आयोजित अंतर्राष्ट्रीय चित्रकला प्रदर्शनी में देखी जा सकेगी। रूस में प्रदर्शनी 15 फरवरी तक चलेगी।