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Sriganganagar नशीली दवाओं की हैवी डोज बनाने वाली कंपनियों के पास जाएगी टीम

 
Sriganganagar  नशीली दवाओं की हैवी डोज बनाने वाली कंपनियों के पास जाएगी टीम

श्रीगंगानगर न्यूज़ डेस्क, श्रीगंगानगर नशे की गोलियां और कैप्सूल बनाकर बड़ी संख्या में सप्लाई करने वाली फार्मा कंपनियों को चेक किया जाएगा। इस संबंध में जिला स्तर पर कमेटी का गठन किया जा रहा है। जिला कलेक्टर और एसपी की ओर से गठित यह कमेटी इसी माह दवा निर्माता फार्मा कंपनियों के यहां जाकर रिकॉर्ड तो चेक करेगी ही, इसके साथ-साथ कुछ निर्देश भी जारी करेगी ताकि मेडिकेटेड नशे की तस्करी को रोका जा सके। इस संबंध में सोमवार को नार्को कोआर्डिनेशन सेंटर तंत्र की जिला स्तरीय स्टेडिंग व आंतरिक सुरक्षा एवं इंडो-पाक सुरक्षा में सुधार हेतु गठित जिला स्तरीय स्टेडिंग कमेटी की बैठक हुई। कमेटी की बैठक कलेक्ट्रेट में जिला कलेक्टर डॉ. मंजू की अध्यक्षता में हुई। बैठक में चर्चा की गई कि फार्मा कंपनियां कूरियर के जरिए बड़े-बड़े ऑर्डर भेज रही हैं।

यह बेहद चिंताजनक है। इसको रोकने को जिला स्तरीय कमेटी तीन बिंदुओं पर फोकस कर काम करेगी। कमेटी टीम इन फर्मा कंपनियों की सूची बनाकर इनके यहां विजिट करेगी। कंपनी डायरेक्टर से मिलकर पाबंद करेंगी कि वे ई-मेल और फोन पर कोई भी ऑर्डर बुक नहीं करेंगी। जिला कलेक्टर ने कहा कि एनडीपीएस एक्ट तथा नशे के काम लिए जा रहे साल्ट के कैप्सूल और गोलियांे के ऑर्डर फार्मा कंपनी में आकर देने वालों के ही लिए जाएं। दूसरा जिस फार्मासिस्ट या दुकान के लाइसेंस पर ऑर्डर किया जा रहा है, उसके मालिक और ऑर्डर करने वाले व्यक्ति के बारे में चेक करेंगे कि व्यक्ति सही है अथवा कोई लाइसेंस चोरी करके ऑर्डर कर रहा है। तीसरा और सबसे महत्वपूर्ण यह कि प्रीगाबालिन की 25,50 और 75 मिलीग्राम तक की डोज ही मरीज को पर्याप्त है, तो फिर 300 एमजी डोज के कैप्सूल का निर्माण क्यों और किसकी अनुमति से किया जा रहा है। बैठक में पहली बार तय किया गया है कि भारत माला रोड से पाकिस्तान बॉर्डर के बीच के गांवों में प्रवेश मार्गों और प्रमुख चौक चौराहों पर सोलर स्ट्रीट लाइटें लगाई जाएंगी। इसके लिए जगह बीएसएफ तय करेगी। इसकी सूची जिला कलेक्टर के माध्यम से जिला परिषद सीईओ को जाएगी। जिला परिषद पंचायत समितियों के मार्फत इन पॉइंट पर सोलर लाइटें तथा गांव के एंट्री रास्तों पर कैमरे भी लगवाएगी। इन कैमरों की फुटेज रिकॉर्डिंग का पंचायत मुख्यालयों पर सिस्टम स्थापित होगा ताकि बॉर्डर एरिया में आने वाले प्रत्येक संदिग्ध और वाहन को डिटेक्ट किया जा सके और तस्करों को पकड़ा जा सके।

जिले के प्रत्येक नशा मुक्ति केंद्र तथा जिला अस्पताल सहित सभी सरकारी और निजी अस्पतालों में इलाज ले रहे कम उम्र के मरीजों का डेटा बैंक बनाया जाएगा। यह डेटा बैंक औषधि नियंत्रण विभाग और पुलिस मिलकर बनाएगी। इससे पुलिस और ड्रग डिपार्टमेंट के पास उन एरिया की जानकारी आ जाएगी जहां पर छोटी उम्र के युवाओं और किशोरों को नशा करना सिखाया जा रहा है। यह भी पता चलेगा कि नशा किस चीज का करते थे। उसी दिशा मे मिलकर दोनों विभाग फिर उस एरिया विशेष पर ज्यादा फोकस करेंगे। उस एरिया में नशा तस्करी करने वालों को पकड़कर तस्करी की चेन को बंद किया जाएगा। जिले में स्थायी नाकाबंदी के पॉइंट तय, बॉर्डर होमगार्ड, बीएसएफ व पुलिस करेगी : जिले की भारत माला रोड से पाकिस्तान बॉर्डर तक के एरिया में तस्करी रोकने को 40 से 50 ऐसे पॉइंट चिन्हित किए गए हैं जहां पर स्थायी नाकाबंदी शुरू की जाएगी। इन पॉइंट पर बीएसएफ, पुलिस और बॉर्डर होमगार्ड मिलकर शुरू करेगी। जिला कलेक्टर डॉ. मंजू और डीआईजी गौरव यादव ने तीनों विभागों से नाकाबंदी शुरू करने को इसी माह का समय तय किया है। इसमें बॉर्डर होमगार्ड के 250 जवान व अधिकारी विशेष तौर पर इसी काम में इस्तेमाल होंगे। लगभग पुलिस और बीएसएफ की ओर से भी इतनी ही संख्या रहेगी। ये नाकाबंदी पॉइंट ऐसी जगह तय किए गए हैं जहां से बॉर्डर का 10 किमी का एरिया कवर होगा। बॉर्डर एरिया में बनी धार्मिक इमारतें तोड़ी जाएंगी, बिना अनुमति नई बनने नहीं देंगे : सीमावर्ती क्षेत्र में अवैध धार्मिक संरचनाओं के निर्माण पर भी चर्चा की गई। बैठक में मौजूद खुफिया विभागों की ओर से दी गई रिपोर्ट पर चर्चा की गई।

जिला कलेक्टर डॉ. मंजू ने निर्देश दिए कि बिना अनुमति निर्माण नहीं हो। बिना अनुमति किए गए निर्माण अवैध माने जाकर उनको तत्काल हटाया जाए। बैठक में एडीएम रीना, जिला आबकारी अधिकारी शिवा चौधरी, सिंचाई एसई धीरज चावला, सीएमएचओ डॉ. अजय सिंगला, सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग के उपनिदेशक विरेन्द्र पाल, डीसीओ अमनदीप सहित आर्मी, बीएसएफ, बोर्डर इंटेलिजेंस सहित अन्य खुफिया विभागों के अधिकारी मौजूद रहे।