Sirohi प्रदेश में 21वीं पशुगणना शुरू, पहली बार बेसहारा मवेशियों की भी होगी गणना
Jan 11, 2025, 09:27 IST
सिरोही न्यूज़ डेस्क, सिरोही जिले में पशुगणना आखिर शुरू हो ही गई। प्रगणकों की आईडी और पासवर्ड नहीं होने के कारण इस बार पशुगणना में देरी हुई है। प्रदेश में पांच वर्ष बाद पशुगणना 2024 में एक सितंबर से शुरू होनी थी और 31 दिसम्बर तक इसे पूरा करने का लक्ष्य निर्धारित किया था। इसके लिए केन्द्र सरकार की ओर से एनिमल सेंसेस नामक सॉफ्टवेयर तैयार करवाया गया। उक्त सॉफ्टवेयर में डाटा इन्द्राज करने के लिए प्रगणक को आईडी और पासवर्ड दिया जाना था, लेकिन मुख्यालय से आईडी और पासवर्ड मिलने में देरी होने के कारण गत दिनों पशुगणना शुरू की गई है। प्रगणक व सुपरवाइजर आदि पशुगणना के दौरान उक्त सॉफ्टवेयर में पशुओं की कैटेगरी के अनुसार उनकी संख्या सहित अन्य जानकारियां इन्द्राज कर रहे हैं। पशुपालन विभाग के अनुसार इस बार मुर्गे-मुर्गी, पालतू गाय, भैंस, बकरी, ऊंट, गधे, श्वान के साथ ही बेसहारा गोवंश व अन्य मवेशियों की भी गणना की जा रही है। साथ ही जिले की सभी गोशालाओं, पोल्ट्री फॉर्म, स्लोहट हाउस, निजी फार्म हाउस में रहने वाले पशु-पक्षियों की गणना की जाएगी। इससे जिले की वास्तविक पशुओं की गणना सामने आ सकेगी। प्रदेश में गत वर्षों में गोवंश के लंपी वायरस की चपेट में आने से सैकड़ों गोवंश की मौत हो गई थी और हजारों इसकी चपेट में आ गए थे। ऐसे में पशुगणना से अब गोवंश की वास्तविक स्थिति सामने आ सकेगी। ऊंटों की संख्या में लगातार गिरावट आ रही है। इनके संरक्षण के लिए प्रयास किए जा सकेंगे।
पहली बार जीपीएस के आधार पर नस्लवार गणना
प्रदेश में पहली बार पशु गणना के लिए लाइव स्टॉक सेंसस नाम से सॉफ्टवेयर तैयार किया गया है। पहली बार पशुगणना में नस्लवार व जीपीएस के आधार पर की जा रही है। इस बार पशुपालकों की आर्थिक स्थिति तथा शिक्षा की जानकारी भी दर्ज की जाएगी। इसके लिए बने ऐप को जीपीएस सिस्टम से जोड़ा गया है। गणना की विभिन्न स्तर पर मॉनिटरिंग भी की जानी है। पशुगणना के लिए ग्रामीण क्षेत्र में 64 प्रगणक व 15 पर्यवेक्षक व शहरी के लिए 15 प्रगणक व 2 पर्यवेक्षक की नियुक्ति की गई है। इन प्रगणकों को गणना के सम्बंध में प्रशिक्षण भी दिया जा चुका है। राष्ट्रीय पशु गणना में पशुओं की 16 प्रजातियों को शामिल किया गया है। हर प्रजाति की अलग-अलग गणना होगी।