Sawaimadhopur आंगनबाड़ियां शौचालय के लिए तरस रही, महिलाएं और बच्चे शर्मसार
Feb 5, 2025, 09:18 IST

सवाईमाधोपुर न्यूज़ डेस्क, सवाईमाधोपुर केंद्र सरकार की ओर से चलाई जा रही योजनाओं के बावजूद सार्वजनिक स्थल एवं कार्यस्थलों पर महिला टॉयलेट की स्थिति ठीक नहीं है। राजस्थान हाईकोर्ट ने भी हाल ही में केंद्र एवं प्रदेश सरकार से इस संबंध में जवाब मांगा था। इसके बावजूद टॉयलेट के हालात नहीं सुधरे हैं। हालांकि जिला परिषद कागजों में लक्ष्य से अधिक टॉयलेट बनाने का दावा कर रहा है, लेकिन धरातल पर वास्तविकता कुछ और है।जिला मुख्यालय की बात की जाए तो कई सरकारी आंगनबाड़ी केन्द्र शौचालयविहीन है। वहीं जिले में भी यही हालात हैं। जिस उद्देश्य से ये आंगनबाड़ी केन्द्र स्थापित किए गए हैं। इनकी दशा व अव्यवस्थाओं को देखकर अभिभावकों के जेहन में कई तरह के सवाल खड़े हो जाते हैं। ऐसे में यह केन्द्र कहीं शोपीस बने हुए हैं तो कहीं पर औपचारिकता पूरी की जा रही है। जिले के 38 फीसदी आंगनबाड़ी केन्द्रों पर शौचालय बने हुए नहीं है। इसके चलते केन्द्रों पर आने वाले बच्चों व गर्भवती महिलाओं को खुले में शौच के लिए परेशान होना पड़ता है।
यह है हालात
महिला एवं बाल विकास विभाग की ओर से 6 वर्ष तक के बच्चों को आंगनबाड़ी केन्द्रों पर प्री-स्कूल एज्युकेशन दी जा रही है। जिले में सरकारी भवन, विभागीय भवन, स्कूलों व किराए पर संचालित 294 केन्द्रों पर शौचालय की सुविधा तक उपलब्ध नहीं है। बच्चों के साथ केन्द्रों पर आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को भी असुविधाएं हो रही हैं।जिले में विभागीय भवनों व किराए से संचालित आंगनबाड़ी केन्द्रों पर जहां भी शौचालय की सुविधा उपलब्ध नहीं है। वहां शौचालय निर्माण के लिए हमने जिला परिषद को पत्र लिखा है। सरकारी भवनों में शौचालय का निर्माण कराया जा रहा है। वहीं किराए से संचालित भवनों के लिए भी जल्द ही व्यवस्था की जाएगी।