Rajsamand पाले से गेहूं की फसल और पेड़-पौधों को भी पहुंचा नुकसान
तापमान में गिरावट का असर जीवन पर
ठंड का असर सिर्फ बाहरी वातावरण तक ही सीमित नहीं है, बल्कि इसने लोगों की दिनचर्या और स्वास्थ्य पर भी असर डालना शुरू कर दिया है। घरों में भी हीटर, रजाई और ऊनी कंबल का उपयोग बढ़ा दिया है, लेकिन बावजूद इसके सर्दी से राहत मिलना मुश्किल हो रहा है। दिनभर गर्म कपड़े और कंबल ओढ़े हुए रहते हैं। स्कूलों और दतरों में भी सर्दी की समस्या बढ़ गई है, जहां बच्चों और कर्मचारियों को गर्मी देने के लिए विशेष इंतजाम किए जा रहे हैं।
कुंभलगढ़ उपखंड मुयालय सहित आसपास के क्षेत्र में मंगलवार रात से लेकर बुधवार सुबह तक कड़ाके की सर्दी के कारण पारा जमाव बिंदु पर पहुंच गया। इसके चलते इस मौसम में एक बार फिर खुले स्थानों पर कई जगहों पर जमा पानी मंगलवार सुबह बर्फ में तब्दिल हो गया। इसके तहत खेतों में बनी नालियों में भरा पानी, छत पर रखे बर्तनों में भरा पानी जम गया तो वाहनों की छतों पर रात में गिरी ओर भी सुबह बर्फ की परत के रूप में दिखाई दी। यही नहीं हाड़ कंपाने वाली सर्दी के चलते कई खेतों में खड़ी गेहूं की फसल एवं पेड़-पौध भी पाला पड़ने से जल गए। गौरतलब है कि पिछले दो-तीन दिनों से कड़ाके की सर्दी पड़ रही है, जिसके चलते कुंभलगढ़ का तापमान वर्तमान में चार डिग्री तक पहुंच गया है। इससे दिन के समय धूप भी बेअसर साबित हो रही है और ठिठुरन के कारण लोग दिन में भी दो से तीन गर्म कपड़ों में दुबक कर ही बाहर निकलते है। इसके साथ ही बाजारों, नुक्कड़, चौराहों पर लोग भीषण ठंड से बचाव के लिए अलाव का सहारा लेते दिखाई दिए। उपखंड मुयालय के साथ ही क्षेत्र के खेडलिया, बड़गांव, ओलादर, मजेरा, केलवाड़ा, कड़िया, आंतरी, वरदडा और कंबोड़ा सहित आसपास के गांव में भी सर्दी के चलते खुले स्थानों पर बर्फ जम गई।