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Rajsamand ‘डिजिटल गिरफ्तारी का कोई प्रावधान नहीं, यह अपराध का नया तरीका’

 
Rajsamand ‘डिजिटल गिरफ्तारी का कोई प्रावधान नहीं, यह अपराध का नया तरीका’

राजसमंद न्यूज़ डेस्क, राजसमंद  आज के डिजिटल युग में, इंटरनेट और स्मार्टफोन्स का इस्तेमाल तेजी से बढ़ रहा है, जिससे साइबर अपराध भी बढ़ने लगे हैं। साइबर अपराधियों के द्वारा उपयोगकर्ताओं के व्यक्तिगत डेटा, वित्तीय जानकारी और गोपनीयता को खतरे में डालने वाले कई तरीके अपनाए जा रहे हैं। इसलिए साइबर अपराध के प्रति जागरूकता अत्यंत आवश्यक है। इसी को लेकर  की ओर से शहर के गांधी सेवा सदन में एक कार्यक्रम आयोजित किया गया। इसमें साइबर से जुड़े एक्सपर्ट ने विद्यार्थियों को मोबाइल का सही इश्तेमाल करने की सीख दी। कार्यक्रम की शुरुआत अणुव्रत गीत से हुई।

साइबर एक्सपर्ट तिलकेश ने बताया कि इन अपराधों से बचने के लिए जरूरी है कि अनजान कॉल से बचें। उन्होंने कहा कि लालच और डर दो प्रकार से साइबर अपराध बढ़ता है। इसके लिए जागरूक रहना बहुत जरूरी है। इस मौके पर पुलिस विभाग से जुड़े सुरेश ने कहा कि साइबर अपराध के मामले डीएनएस और डीएनएसएस के माध्यम से भी दर्ज किए जाते हैं। उन्होंने कहा कि मोबाइल पर आने वाली एपीके फाइल पर क्लिक नहीं करें। इससे आप साइबर अपराध के शिकार हो सकते हैं। आजकल डिजिटल गिरतारी के मामले भी सामने आ रहे हैं, लेकिन ऐसा कभी होता ही नहीं है। ये भी एक साइबर अपराध का प्रकार है। इससे भोले-भाले लोग इसके शिकार हो जाते हैं। साइबर अपराध से बचाव के लिए सबसे महत्वपूर्ण कदम है, अपनी ऑनलाइन गतिविधियों में सतर्कता और जागरूकता रखना। अगर हम सभी मिलकर इन सावधानियों का पालन करें, तो साइबर अपराधों से बचाव संभव हो सकता है और एक सुरक्षित डिजिटल दुनिया का निर्माण किया जा सकता है। गांधी सेवासदन की शिक्षामंत्री डिपल ने सभी का आभार जताया।