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Rajsamand निज्जर की हत्या के केस में 4 भारतीय नागरिकों को कनाडा में जमानत

 
Rajsamand निज्जर की हत्या के केस में 4 भारतीय नागरिकों को कनाडा में जमानत
राजसमंद न्यूज़ डेस्क, राजसमंद कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो के इस्तीफे की घोषणा के बाद एक महत्त्वपूर्ण घटनाक्रम में खालिस्तानी आतंकी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या के सिलसिले में गिरफ्तार सभी चार भारतीय नागरिकों को कनाडा की एक अदालत ने जमानत दे दी। अब उनके खिलाफ कनाडा के सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होगी। ट्रायल अगले महीने शुरू होगा। करण बरार, कमलप्रीत सिंह, करणप्रीत सिंह और अमनदीप सिंह को पिछले साल मई में कनाडा की रॉयल कैनेडियन माउंटेड पुलिस ने गिरफ्तार किया था। उन पर हत्या और हत्या की साजिश रचने का आरोप लगाया गया था।

कनाडा में सरे की कोर्ट का फैसला ट्रूडो सरकार के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है, क्योंकि निज्जर हत्याकांड में बेबुनियाद आरोप लगाकर उसने भारत से रिश्ते बिगाड़ लिए थे। चारों आरोपियों का मामला ट्रूडो की मुश्किलें बढ़ा सकता है, जो पीएम पद व लिबरल पार्टी के अध्यक्ष पद से इस्तीफे की घोषणा कर चुके है। लिबरल पार्टी के नए नेता चुने जाने तक वह प्रधानमंत्री पद पर रहेंगे। निज्जर की हत्या 18 जून, 2023 को ब्रिटिश कोलंबिया के सरे में एक गुरुद्वारे के बाहर हुई थी। करन बराड़, अमनदीप सिंह, कमलप्रीत सिंह, और करनप्रीत सिंह के खिलाफ नवंबर 2024 में चार्जशीट दायर की गई। चारों आरोपियों ने कोर्ट में जमानत के लिए अपील की थी, जिसे मंजूर कर लिया गया। अदालती दस्तावेजों के मुताबिक चार में से तीन आरोपी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए सुनवाई में शामिल हुए, जबकि एक ने वकील के जरिए उपस्थिति दर्ज कराई।

बिगाड़ लिए संबंध

भारत और कनाडा के बीच संबंधों में पिछले साल काफी तनाव रहा। भारत ने बार-बार कनाडा में उग्रवाद, हिंसा और भारत-विरोधी गतिविधियों पर चिंता व्यक्त की। वहां की सरकार से इन पर कार्रवाई करने का आग्रह किया। जस्टिन ट्रूडो ने निज्जर की हत्या में भारत की संलिप्तता के आरोप लगाए थे। भारत ने आरोपों को बेतुका बताते हुए खारिज कर दिया और कनाडा पर भारत-विरोधी लोगों को स्थान देने का आरोप लगाया।

भारत ने कनाडा पुलिस पर खड़े किए सवाल

रिपोर्ट के मुताबिक कनाडा पुलिस आरोपियों के खिलाफ पुख्ता सबूत पेश नहीं कर सकी। भारत सरकार के शीर्ष सूत्रों ने कनाडा पुलिस की कार्यशैली पर सवाल उठाते हुए इसे ‘शर्मनाक हालात’ करार दिया। एक अधिकारी ने कहा, पुलिस के पास आरोपियों के खिलाफ ठोस सबूत नहीं हैं। उन्होंने बिना पर्याप्त साक्ष्य मामला तैयार किया। इसके बावजूद ट्रूडो ने भारत पर आरोप लगाए और एक भारतीय अधिकारी पर अंगुली उठाई, जिसे हमने खारिज किया। अब खुद उनकी पुलिस इसकी पुष्टि कर रही है।