Pratapgarh विचार गोष्ठी का आयोजन में अहिल्या बाई होलकर के जीवन पर डाला प्रकाश
प्रतापगढ़ न्यूज़ डेस्क, प्रतापगढ़ पुण्यश्लोक देवी अहिल्या बाई होलकर विचार गोष्टी कॉलेज ऑडिटोरियम में हुआ। महिला समन्वय की विभाग संयोजिका प्रियंका जैन ने बताया कि उनके जन्म के त्रिशताब्दी वर्ष के उपलक्ष्य में विचार गोष्ठी महिला समन्वय चित्तौड़गढ़ विभाग के तत्वावधान में आयोजित किया गया। मुख्य वक्ता एडवोकेट सुलक्षणा सांचौरा अखिल भारतीय अधिवक्ता परिषद् प्रांत प्रतिनिधि चित्तौड़ प्रांत रहे। उन्होंने कहा कि देवी अहिल्याबाई को महारानी से संबोधित नहीं किया जाता है जबकि उन्हें आदर के साथ लोकमाता के नाम से संबोधित किया जाता है और वे एकमात्र इस पूरे विश्व में है जिनके नाम के आगे पुण्यश्लोक लगा हुआ है क्योंकि उन्होंने पूरे जीवन में पुण्य कर्म के अलावा कोई अन्य कार्य नहीं किए हैं।
मुख्य वक्ता एडवोकेट सुलक्षणा सांचौरा ने कहा कि हमारे देश में हजारों माताओं ने श्रेष्ठ नेतृत्व दिया है, वर्तमान में भी कला में, विज्ञान में, सेवा में, व्यापार में, नेतृत्व में महिलाओं की महत्वपूर्ण भूमिका रही है। भारत के इतिहास में मातृशक्ति ने हमेशा अपना समर्पण दिया है। यदि इतिहास में देवी शकुंतला नहीं होती तो भरत नहीं होते और यदि मां जीजाबाई नहीं होती तो शिवाजी नहीं होते। लोकमाता देवी अहिल्याबाई होलकर ने अपने संपूर्ण जीवन में कुरीतियों के विरुद्ध अपने स्वर मुखर किए हैं। जिसमें प्रमुखता के साथ उन्होंने सती प्रथा का विरोध किया और महिलाओं को इसके बारे में जागरूक किया। महिला समन्वय की विभाग संयोजिका प्रियंका जैन ने आने वाले समय की चुनौतियों को देखते हुए अपने आप की तैयारी की आवश्यकता बताई। माल्यार्पण से शुरुआत की गई। चित्र प्रदर्शन भी लगाई गई। सुगना मीणा ने आभार व्यक्त किया। संचालन भावना कुमावत ने किया। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के विभाग प्रचारक सत्यनारायण और जिला कार्यवाह प्रहलाद सिंह, प्रसस्ती कुंवर सहित गणमान्य लोगो की उपस्थिति रही।