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जापान: पूर्व पीएम किशिदा ने सत्तारूढ़ एलडीपी के भीतर बनाया नया ग्रुप, पार्टी में प्रभाव बनाए रखने की कोशिश

टोक्यो, 24 नवंबर (आईएएनएस)। जापान के पूर्व प्रधानमंत्री फूमियो किशिदा ने सत्तारूढ़ लिबरल डेमोक्रेटिक पार्टी (एलडीपी) के भीतर एक नया ग्रुप बनाया है। एक ऐसे समय में जब शिगेरु इशिबा देश में अल्पमत सरकार का नेतृत्व कर रहे हैं, यह स्पष्ट रूप से पार्टी में 'अपना प्रभाव बनाए रखने' के लिए उठाया गया कदम है।
 
जापान: पूर्व पीएम किशिदा ने सत्तारूढ़ एलडीपी के भीतर बनाया नया ग्रुप, पार्टी में प्रभाव बनाए रखने की कोशिश

टोक्यो, 24 नवंबर (आईएएनएस)। जापान के पूर्व प्रधानमंत्री फूमियो किशिदा ने सत्तारूढ़ लिबरल डेमोक्रेटिक पार्टी (एलडीपी) के भीतर एक नया ग्रुप बनाया है। एक ऐसे समय में जब शिगेरु इशिबा देश में अल्पमत सरकार का नेतृत्व कर रहे हैं, यह स्पष्ट रूप से पार्टी में 'अपना प्रभाव बनाए रखने' के लिए उठाया गया कदम है।

किशिदा के नेतृत्व वाले ग्रुप का कथित उद्देश्य देश में परिसंपत्ति प्रबंधन को बढ़ावा देना है। ग्रुप की तरफ से शुक्रवार को उद्घाटन बैठक आयोजित की गई।

उद्घाटन बैठक में लगभग 20 एलडीपी सांसदों ने भाग लिया, जिनमें पूर्व एलडीपी महासचिव तोशिमित्सु मोटेगी, साथ ही एलडीपी चुनाव रणनीति समिति के प्रमुख सेइजी किहारा और अन्य लोग शामिल थे।

बैठक में अपने भाषण में किशिदा ने प्रधानमंत्री और पार्टी अध्यक्ष के रूप में तीन वर्षों की अपनी उपलब्धियों पर प्रकाश डाला।

'द जापान टाइम्स' ने बैठक के दौरान किशिदा के हवाले से कहा, "हमने एक नए आर्थिक फेज के उत्साहजनक संकेत देखने शुरू कर दिए हैं, जिसमें 33 वर्षों में सबसे अधिक वेतन वृद्धि भी शामिल है...हमें दुनिया को जापान को एक प्रमुख परिसंपत्ति प्रबंधन राष्ट्र बनाने की कोशिशों के प्रति मजबूत प्रतिबद्धता दिखानी चाहिए।"

समाचार पत्र ने बताया कि बैठक में भाग लेने वालों में पूर्व प्रधानमंत्री शिंजो आबे के नेतृत्व वाले एलडीपी गुट के सांसद और पूर्व पार्टी उपाध्यक्ष तारो असो के नेतृत्व वाले गुट के सदस्य भी शामिल थे।

बता दें सूत्रों ने कहा कि 'किशिदा अपना प्रभाव डालने के लिए उत्सुक हैं।', उन्होंने कहा कि उनके पास बहुत सी अधूरी परियोजनाएं हैं और पॉलिसी ग्रुप के जरिए से अपनी शक्ति को मजबूत करने की कोशिश कर रहे हैं।"

बता दें जापान की सत्तारूढ़ लिबरल डेमोक्रेटिक पार्टी (एलडीपी) के नेता शिगेरू इशिबा को पिछले महीने संसदीय मतदान में देश के प्रधानमंत्री के रूप में चुना गया था।

संसद में एक रनऑफ वोट के बाद 11 नवंबर को उन्हें औपचारिक रूप से फिर से चुना गया। यह तीन दशकों में पहला रनऑफ वोट था।

इससे पहले किशिदा ने अपने तीन साल के कार्यकाल के अंत में एक भ्रष्टाचार घोटाले के बाद पद छोड़ दिया था जिसने उनकी पार्टी और देश की राजनीति को हिला कर रख दिया था। वह 29 सितंबर, 2021 को प्रधानमंत्री के रूप में चुने गए थे। किशिदा के इस्तीफे के बाद इशिबा ने पीएम पद संभाला था।

--आईएएनएस

एमके/