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गरीबी-बेरोजगारी से मुक्ति का रास्ता संविधान से ही: मायावती

लखनऊ, 7 दिसंबर (आईएएनएस)। बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती ने कहा कि दिन- प्रतिदिन की परेशानियां-दिक्कतें हैं, उससे पूरा देश चिंतित है, जिसका समाधान, बाबा साहेब डा. भीमराव अम्बेडकर के मानवतावादी व कल्याणकारी संविधान को आमजन के हित में सही से लागू करके ही तलाशा जाना बेहतर होगा।
 
गरीबी-बेरोजगारी से मुक्ति का रास्ता संविधान से ही: मायावती

लखनऊ, 7 दिसंबर (आईएएनएस)। बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती ने कहा कि दिन- प्रतिदिन की परेशानियां-दिक्कतें हैं, उससे पूरा देश चिंतित है, जिसका समाधान, बाबा साहेब डा. भीमराव अम्बेडकर के मानवतावादी व कल्याणकारी संविधान को आमजन के हित में सही से लागू करके ही तलाशा जाना बेहतर होगा।

बसपा मुखिया मायावती ने रविवार को सोशल मीडिया मंच एक्स पर लिखा कि देश के करोड़ों ग़रीबों, दलितों, शोषितों-पीड़ितों आदि इन ’बहुजन समाज’ के मसीहा बाबा साहेब डा. भीमराव अम्बेडकर को, कल दिनांक 6 दिसम्बर को उनके महापरिनिर्वाण दिवस (देहांत) पर, बी.एस.पी. के बैनर तले उनके अपार समर्थकों व अनुयायियों ने अम्बेडकर को शत्-शत् नमन् तथा श्रद्धा-सुमन अर्पित करने के लिए तहेदिल से शुक्रिया एवं आभार।

उन्होंने कहा कि विशेषकर लखनऊ के ’डा. भीमराव अम्बेडकर सामाजिक परिवर्तन स्थल’ एवं यूपी-दिल्ली सीमा पर गौतम बुद्ध नगर ज़िला में नोएडा के ’राष्ट्रीय दलित प्रेरणा स्थल एवं ग्रीन गार्डेन’ में बड़ी भारी संख्या में एकत्र होकर तथा देश के अन्य राज्यों में भी ज़ोन-स्तर पर कार्यक्रम आयोजित किया। इसके लिए सभी लोगों का व खासकर उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, दिल्ली के छोटे-बड़े सभी पार्टी पदाधिकारियों एवं कार्यकर्ताओं आदि की मेरी व पार्टी की ओर से भी जितनी सराहना की जाए वह कम है।

उन्होंने आगे कहा कि ऐसे मौके पर जब देश भर में व्याप्त गरीबी, बेरोजगारी आदि की विकराल समस्याओं के साथ-साथ ख़ासकर एयरलाइन्स संचालन को लेकर देश भर में व्याप्त अफरातफरी, दिल्ली में वायु प्रदूषण की गंभीर समस्या, विश्व बाजार में रुपये की गिरती कीमत आदि को लेकर देश के जो वर्तमान हालात हैं व लोगों की जो दिन-प्रतिदिन की परेशानियां-दिक्कतें हैं उससे पूरा देश चिंतित है, जिसका समाधान बाबा साहेब डा. भीमराव अम्बेडकर के मानवतावादी व कल्याणकारी संविधान को आमजन के हित में सही से लागू करके ही तलाशा जाना बेहतर होगा।

उन्होंने कहा कि सरकारों को व्यावसायिक दृष्टिकोण त्यागकर विशुद्ध जनहित व जनकल्याण की ईमानदार नीयत से नीति, कानून एवं कार्यक्रम आदि बनाने होंगे, तभी समस्याओं से छुटकारा तथा देश व जनहित संभव है। बाबा साहेब डा. भीमराव अम्बेडकर ने व्यापक देश व जनहित को मद्देनजर रखकर ही आजीवन कड़ा संघर्ष करते रहे और अंततः देश के करोड़ों बहुजनों के हित, कल्याण एवं उत्थान हेतु यहां संविधान में अनेकों अधिकार देकर कानून बनवाये, जिन पर सही से अमल बहुत जरूरी है।

--आईएएनएस

विकेटी/एएस