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26/11 मुंबई हमले के आरोपी तहव्वुर राणा को जल्द लाया जाएगा भारत!

मुंबई, 1 जनवरी (आईएएनएस)। देश में 26/11 मुंबई हमले के आरोपी पाकिस्तानी मूल के कनाडाई व्यवसायी तहव्वुर राणा को भारत लाया जा सकता है। राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) को मुंबई क्राइम ब्रांच और एनआईए के विश्वसनीय सूत्रों ने बुधवार को पुष्टि की कि आरोपी तहव्वुर राणा को अमेरिका से जल्द भारत लाया जाएगा। पिछले साल अगस्त में अमेरिका की एक संघीय अपील अदालत द्वारा राणा की अपील खारिज किए जाने के बाद प्रत्यर्पण की प्रक्रिया तेज हो गई है।
 
26/11 मुंबई हमले के आरोपी तहव्वुर राणा को जल्द लाया जाएगा भारत!

मुंबई, 1 जनवरी (आईएएनएस)। देश में 26/11 मुंबई हमले के आरोपी पाकिस्तानी मूल के कनाडाई व्यवसायी तहव्वुर राणा को भारत लाया जा सकता है। राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) को मुंबई क्राइम ब्रांच और एनआईए के विश्वसनीय सूत्रों ने बुधवार को पुष्टि की कि आरोपी तहव्वुर राणा को अमेरिका से जल्द भारत लाया जाएगा। पिछले साल अगस्त में अमेरिका की एक संघीय अपील अदालत द्वारा राणा की अपील खारिज किए जाने के बाद प्रत्यर्पण की प्रक्रिया तेज हो गई है।

एजेंसियां अगर नए साल में तहव्वुर राणा को भारत लाने में कामयाब होती हैं, तो यह एक बड़ी सफलता होगी। अमेरिकी कोर्ट ने अगस्त 2024 में फैसला सुनाते हुए भारत-अमेरिका प्रत्यर्पण संधि के तहत राणा को भारत भेजने की मंजूरी दी थी, लेकिन मामला कागजी कार्रवाई में ही अटका रहा। भारतीय एजेंसियों ने कोर्ट में सभी सबूत पेश किए थे, जिसके बाद कोर्ट ने मंजूरी दी थी।

अमेरिका के एफबीआई ने राणा को साल 2009 में शिकागो से गिरफ्तार किया था। वह पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई और आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा के ऑपरेटिव के तौर पर भारत में काम कर रहा था। हमले के मुख्य मास्टर माइंड डेविड कोलमैन हेडली को राणा ने ही हमले की साजिश रचने, रेकी करने में मदद की थी। जिसके सबूत भारत ने अमेरिका की कोर्ट में पेश किए थे, जिनमें राणा की संलिप्तता साफ दिखाई दी थी।

भारत और अमेरिका के बीच प्रत्यर्पण संधि में 'नॉन बिस इन आइडेम' एक अपवाद है। लेकिन अमेरिकी कोर्ट ने माना कि राणा पर भारत में लगे आरोप अलग हैं, इसलिए 'नॉन बिस इन आइडेम' नियम लागू नहीं होगा।

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, तहव्वुर राणा ने प्रत्यर्पण को रोकने के लिए कोर्ट में हैबियस कॉर्पस (बंदी प्रत्यक्षीकरण) याचिका दाखिल की थी, जिसे कोर्ट ने खारिज कर दिया था।

गौरतलब है कि 26 नवंबर 2008 को महाराष्ट्र की राजधानी मुंबई आतंकवादियों की गोलियों की तड़तड़ाहट से कांप उठी थी। आतंकी हमलों में छह अमेरिकी नागरिकों समेत 166 लोग मारे गए थे, जबकि बड़ी संख्या में लोग घायल हुए थे।

--आईएएनएस

एफजेड/एकेजे