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200 किलो से ज्यादा वजन के बम, मिसाइलें, अमेरिका की इजरायल को 8 अरब डॉलर के हथियार बेचने की योजना

वाशिंगटन, 4 जनवरी, (आईएएनएस)। जो बाइडेन प्रशासन इजरायल के लिए 8 अरब डॉलर के हथियार सौदे का प्रस्ताव रखा है। इसमें हवा से हवा में मार करने वाली मिसाइलें और 500 पाउंड (226.79 किलो) के भारी बम शामिल हैं।
 
200 किलो से ज्यादा वजन के बम, मिसाइलें, अमेरिका की इजरायल को 8 अरब डॉलर के हथियार बेचने की योजना

वाशिंगटन, 4 जनवरी, (आईएएनएस)। जो बाइडेन प्रशासन इजरायल के लिए 8 अरब डॉलर के हथियार सौदे का प्रस्ताव रखा है। इसमें हवा से हवा में मार करने वाली मिसाइलें और 500 पाउंड (226.79 किलो) के भारी बम शामिल हैं।

बाइडेन प्रशासन ने अनौपचारिक रूप से अमेरिकी कांग्रेस को इजरायल के साथ प्रस्तावित 8 बिलियन डॉलर के हथियार डील की सूचना दी है। द टाइम्स ऑफ इजरायल के मुताबिक एक्सियोस ने दो स्रोतों का हवाला देते हुए यह जानकारी दी है।

इस डील में लड़ाकू जेट और हमलावर हेलीकॉप्टरों के लिए गोला-बारूद के साथ-साथ तोपखाने के गोले भी शामिल हैं।

रिपोर्ट के मुताबिक डील का कुछ हिस्सा मौजूदा अमेरिकी स्टॉक से पूरा किया जा सकता है, लेकिन ज्यादातर को पूरा होने में एक साल या उससे ज्यादा का समय लगेगा। यह संभवतः बाइडेन प्रशासन की ओर से इजरायल के लिए स्वीकृत होने वाली आखिरी हथियार-डील होगी।

इस सौदे के लिए प्रतिनिधि सभा और सीनेट समितियों की मजूरी जरूरी है। पैकेज में कथित तौर पर लड़ाकू विमानों के लिए हवा से हवा में मार करने वाली मिसाइलें शामिल हैं, जो ड्रोन सहित हवाई खतरों से बचाव करती हैं। 155 एमएम के तोप के गोले और हेलफायर एजीएम 114 मिसाइलें जो अटैक हेलिकॉप्‍टर में इस्‍तेमाल किए जाती हैं।

इससे पहले अमेरिका ने 500 पाउंड के बमों वाली एक खेप को रोक दिया था लेकिन बाद में इन्हें वितरित कर दिया गया।

रिपोर्ट के मुताबिक विदेश विभाग ने कांग्रेस को बताया कि इस सौदे का उद्देश्य 'महत्वपूर्ण युद्ध सामग्री और वायु रक्षा क्षमताओं के भंडार की फिर से सप्लाई करके इजरायल की दीर्घकालिक सुरक्षा का समर्थन करना है।'

रिपोर्ट में एक अमेरिकी अधिकारी के हवाले से कहा, "राष्ट्रपति ने स्पष्ट कर दिया है कि इजरायल को अपने नागरिकों की रक्षा करने का अधिकार है, जो अंतरराष्ट्रीय कानून और अंतरराष्ट्रीय मानवीय कानून के अनुरूप है, और उसे ईरान और उसके प्रॉक्सी संगठनों को भी रोकना है। हम इजरायल की रक्षा के लिए जरूरी मदद प्रदान करना जारी रखेंगे।"

--आईएएनएस

एमके/