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देव दीपावली को लेकर वाराणसी में तैयारियां पूरी, 17 लाख दीयों में 3 लाख गोबर से बने दीपक भी जलेंगे

वाराणसी, 9 नवंबर (आईएएनएस)। वाराणसी में 15 नवंबर को मनाई जाने वाली देव दीपावली के लिए तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। जिलाधिकारी ने प्रेस वार्ता में बताया कि इस खास मौके पर 10 लाख से अधिक पर्यटकों के काशी आने की उम्मीद है। देव दीपावली से पहले 12, 13 और 14 नवंबर को गंगा महोत्सव का आयोजन अस्सी घाट पर किया जाएगा। इस दौरान घाटों को क्लस्टर में बांटकर नोडल ऑफिसर तैनात किए जाएंगे।
 
देव दीपावली को लेकर वाराणसी में तैयारियां पूरी, 17 लाख दीयों में 3 लाख गोबर से बने दीपक भी जलेंगे

वाराणसी, 9 नवंबर (आईएएनएस)। वाराणसी में 15 नवंबर को मनाई जाने वाली देव दीपावली के लिए तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। जिलाधिकारी ने प्रेस वार्ता में बताया कि इस खास मौके पर 10 लाख से अधिक पर्यटकों के काशी आने की उम्मीद है। देव दीपावली से पहले 12, 13 और 14 नवंबर को गंगा महोत्सव का आयोजन अस्सी घाट पर किया जाएगा। इस दौरान घाटों को क्लस्टर में बांटकर नोडल ऑफिसर तैनात किए जाएंगे।

देव दीपावली के दिन काशी के घाट 17 लाख दीयों से जगमग करेंगे, जिनमें से 12 लाख दीपक जिला प्रशासन, 3 लाख गाय के गोबर से बने और 5 लाख गंगा समिति की ओर से जलाए जाएंगे। इसके साथ ही गंगा के दोनों किनारों पर विशेष आयोजन होंगे। काशी विश्वनाथ मंदिर के गंगा द्वार और चेत सिंह घाट पर लेजर शो होगा, जबकि गंगा के उस पार आतिशबाजी का कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा। देव दीपावली के दिन नमो घाट पर सांस्कृतिक कार्यक्रम भी होगा।

वाराणसी के जिलाधिकारी एस राजलिंगम ने आईएएनएस से बात करते हुए कहा, “काशी गंगा महोत्सव और देव दीपावली को लेकर लगभग सारी तैयारियां हमने पूरी कर ली हैं। उस दिन गंगा के दोनों तट पर लगभग 17 लाख दीये जलाए जाएंगे। इस दिन लेजर शो होगा, प्रोजेक्शन मैपिंग होगी और आतिशबाजी भी होगी। इसके अलावा टूरिज्म मंत्रालय द्वारा अस्सी घाट में एक सांस्कृतिक शो का आयोजन भी किया जाएगा। इसके अलावा राज घाट में भी 12 से 15 नवंबर के बीच कार्यक्रम का आयोजन किया जाएगा। इसके अलावा इस कार्यक्रम में शामिल होने के लिए विदेश से भी डेलिगेशन आ रहा है। वो सामूहिक गायन कार्यक्रम में हिस्सा लेंगे। पिछले साल यहां कई देशों के राजदूतों का दौरा हुआ था। इस बार उसकी अभी तक कोई ऐसी सूचना नहीं है। इस बार 3 लाख गोबर से बने दीये आ रहे हैं, उन्हें भी घाटों पर जलाया जाएगा। उसी दिन कार्तिक पूर्णिमा भी है। मंदिर में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ को हैंडल करने की क्षमता है। हम उसकी भी मीटिंग कर चुके हैं। इसके अलावा सुरक्षा की दृष्टि से भी हम पैनी नजर रखेंगे।”

--आईएएनएस

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