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जम्मू-कश्मीर : कठुआ में तैयार हो रहा एग्रो-पार्क, आलू की कई किस्में होंगी तैयार

कठुआ, 29 दिसंबर (आईएएनएस)। जम्मू-कश्मीर में कठुआ जिले के सरथल में 110 कनाल (1 बीघा में करीब 2.204 कनाल) जमीन में आलू की विभिन्न किस्मों को तैयार किया जाएगा। इसके लिए फार्म विकसित किया जा रहा है। उद्देश्य कृषि-पर्यटन और उच्च गुणवत्ता वाले कुफरी बादशाह बीज के उत्पादन को बढ़ाना और बीजों के लिए दूसरे राज्यों पर निर्भरता कम करना है।
 
जम्मू-कश्मीर : कठुआ में तैयार हो रहा एग्रो-पार्क, आलू की कई किस्में होंगी तैयार

कठुआ, 29 दिसंबर (आईएएनएस)। जम्मू-कश्मीर में कठुआ जिले के सरथल में 110 कनाल (1 बीघा में करीब 2.204 कनाल) जमीन में आलू की विभिन्न किस्मों को तैयार किया जाएगा। इसके लिए फार्म विकसित किया जा रहा है। उद्देश्य कृषि-पर्यटन और उच्च गुणवत्ता वाले कुफरी बादशाह बीज के उत्पादन को बढ़ाना और बीजों के लिए दूसरे राज्यों पर निर्भरता कम करना है।

कठुआ जिले के मुख्य कृषि अधिकारी संजीव राय ने इसके बारे में जानकारी देते हुए बताया, "हमने सरथल में एक आलू का फार्म शुरू किया है, जो एक बड़ी और अनोखी परियोजना है। इस परियोजना के तहत, हम एग्रो-टूरिज्म को बढ़ावा देने के साथ-साथ पर्यटन आधारित विकास भी कर रहे हैं। हमें जिला प्रशासन से 110 कनाल जमीन (1 बीघा‌ में करीब 2.204 कनाल) आवंटित की गई है। इसमें उच्च गुणवत्ता वाला आलू बीज, जो किसी भी रोग से मुक्त होता है, लगाया जाएगा। इस बीज का चयन इस क्षेत्र की जलवायु और मिट्टी के अनुसार किया गया है, ताकि यहां के किसानों को स्थानीय बीज मिले और उनकी उपज और उत्पादकता में सुधार हो।"

उन्होंने आगे कहा, "हमने पहले चरण में टेंडर जारी कर दिया है और यह परियोजना मुख्य सड़क से जुड़ी हुई है। यह चुनावी मार्ग और अन्य पर्यटन स्थल से भी संपर्क करती है। इस परियोजना को ऐतिहासिक माना जा रहा है, क्योंकि इसमें टूरिज्म और कृषि दोनों को एक साथ बढ़ावा दिया जाएगा। इस क्षेत्र में अब तक बाहर से बीज आता था, लेकिन अब यहाँ की जलवायु के अनुसार स्थानीय बीज का उत्पादन होगा। इस परियोजना में एक बड़ा एग्रो-टूरिज्म केंद्र बनेगा। यहां लोग आलू की खेती के बारे में जान सकेंगे और कैसे इसे टूरिज्म से जोड़ा जा सकता है, यह देख सकेंगे। हम एक ओपन कैफे की भी व्यवस्था करेंगे, जहां पर्यटक इस हरे-भरे वातावरण का आनंद ले सकेंगे और आलू के साथ बैठ सकते हैं। इस सेंटर में कुछ आवासीय सुविधाएं भी प्रदान की जाएंगी।"

उन्होंने कहा, " एक पुल का निर्माण किया जाएगा, जो फार्म के दोनों हिस्सों को जोड़ने का काम करेगा। लोग मुख्य सड़क से पार्किंग में अपनी गाड़ियां खड़ी करके पुल पार करेंगे। वहां से एग्रो-टूरिज्म गतिविधियां शुरू होंगी। मार्च 2025 से पहले चरण में खेती की शुरुआत होगी। इस दौरान हम इस क्षेत्र में 25 से 30 प्रतिशत भूमि पर आलू की खेती शुरू करेंगे। हमारे इस परियोजना में कठुआ के उप-आयुक्त की पूरी सहयोग और आशीर्वाद है, और हम इसे जल्द से जल्द शुरू करने के लिए तैयार हैं।"

--आईएएनएस

पीएसएम/केआर