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Nagaur 135 दिन से चल रहा था धरना, किसानों पर लाठीचार्ज, पथराव

 
Nagaur 135 दिन से चल रहा था धरना, किसानों पर लाठीचार्ज, पथराव

नागौर न्यूज़ डेस्क , नागौर सीमेंट प्लांट लगाने के लिए कंपनी जेएसडब्ल्यू द्वारा किसानों से खरीदी जमीन का उचित दाम नहीं देने के विरोध में 135 दिनों से चल रहा धरना-प्रदर्शन बुधवार को हिंसक हो गया। सुरपालिया थाना क्षेत्र के सरासनी गांव मंे धरने पर बैठे किसानों को खदेड़ने के लिए सुबह करीब 5 से 6 बजे के बीच पहुंची पुलिस ने लाठीचार्ज कर दिया, जिससे मौके पर तनाव की स्थिति बन गई। इसके बाद पुलिस और किसानों के बीच जमकर पत्थरबाजी हुई। खेतों में आग लगा दी गई। घटना में करीब 25 लोगों को हल्की चोटें आई हैं। 12 लोगों को अस्पताल में इलाज के बाद छुट्टी दे दी। दरअसल, बुधवार को सीमेंट कंपनी के प्रतिनिधि खनन के लिए प्लांट स्थल पर जा रहे थे। इसी बीच धरने पर बैठे किसानों ने विरोध करना शुरू कर दिया। किसानों को हटाने के लिए बड़ी संख्या में पुलिस जाब्ता पहुंचा। जब किसान पीछे नहीं हटे तो पुलिस ने लाठियां बरसानी शुरू कर दीं। बचाव के लिए किसानों ने पत्थर फेंकने शुरू कर दिए, जवाब में पुलिस जवानों ने भी पत्थर फेंके। सरासनी गांव में 6 थानों की पुलिस, आरएसी, क्यूआरटी समेत बड़ी संख्या में पुलिस बल तैनात किया गया है।

किसान बोले-उचित मुआवजे की मांग थी, पुलिस ने महिलाओं पर लाठियां चलाईं

किसान नेता अनिल बारूपाल व किसान पुरखाराम ने बताया कि जमीन अधिग्रहण में वाजिब मुआवजे की मांग को लेकर 135 दिनों से किसान शांतिपूर्वक तरीके से धरना दे रहे थे। कलेक्टर, एडीएम समेत कंपनी के प्रतिनिधियों के साथ 3 से 4 बार वार्ता हुई, लेकिन किसानों की शर्त मानने को तैयार नहीं हैं। बुधवार को बिना किसानों की सहमति और मुआवजे के कंपनी की आेर से खनन शुरू किया जा रहा था, इसी को लेकर विरोध था। किसानों ने 12 बजे तक काम बंद करने की मांग की थी, लेकिन पुलिस ने किसानों व महिलाओं पर लाठियां बरसा दीं।

22 अगस्त 2024 से चल रहा है धरना : किसानों ने बताया कि कंपनी प्रतिनिधियों ने सरासनी के किसानों से 8 लाख रुपए प्रति बीघा की दर से जमीन खरीद ली। जबकि पास के हरिमा समेत अन्य गांवों में 11 लाख रुपए की दर से जमीन खरीदी गई। धरना स्थल पर बैठे किसानों की मांग है कि 3 लाख रुपए प्रति बीघा बढ़ाकर जमीन के रुपए दें। इसी मांग को लेकर 22 अगस्त 2024 से धरना चल रहा है। वहीं, जायल सीओ खेमाराम बिजारणियां ने बताया कि बुधवार सुबह जेएसडब्ल्यू कंपनी के प्रतिनिधि खनन के लिए प्लांट स्थल पर जा रहे थे। तभी धरने पर बैठे ग्रामीणों ने उनका विरोध करना शुरू कर दिया। मौके पर मौजूद पुलिसकर्मियों ने बीच-बचाव शुरू किया तो किसान और पुलिस आमने-सामने हो गए। पुलिस ने ग्रामीणों को समझाते हुए शांतिपूर्ण धरना देने की अपील की, मगर माने नहीं। इसी बीच दोनों पक्षों में धक्का-मुक्की हो गई।