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Nagaur सरासनी में पुलिस व ग्रामीणों में लाठी-भाटा जंग, महिलाओं से की मारपीट

 
Nagaur सरासनी में पुलिस व ग्रामीणों में लाठी-भाटा जंग, महिलाओं से की मारपीट
नागौर न्यूज़ डेस्क, नागौर जिले की डेह तहसील क्षेत्र के सरासनी गांव में पिछले 134 दिन से जमीन की रेट बढ़ाने सहित विभिन्न मांगों को लेकर धरना दे रहे ग्रामीण व पुलिसकर्मी बुधवार को आमने-सामने हो गए। पुलिस ने धरने में शामिल पुरुषों के साथ महिलाओं पर भी लाठीचार्ज कर दिया, जिससे ग्रामीण आक्रोशित हो गए और पुलिस पर पथराव कर दिया। पुलिस व किसानों के बीच हुई झड़प में कई लोगों को चोटें आई। आपसी खींचतान में कुछ महिलाओं के गहने गुम हो गए। पुलिस की ओर से किए गए लाठीचार्ज की सांसद हनुमान बेनीवाल सहित कांग्रेस के कार्यकारी जिलाध्यक्ष हनुमान बांगड़ा व अन्य जनप्रतिनिधियों ने निंदा करते हुए पुलिस की कार्यशैली पर सवाल उठाए।

जानकारी के अनुसार सरासनी व आसपास के किसान सीमेंट कम्पनी की ओर से खरीदी जा रही जमीन की रेट बढ़ाने सहित विभिन्न मांगों को लेकर गत 22 अगस्त से सरासनी की सरहद में धरना दे रहे थे। बुधवार को कम्पनी ने काम शुरू करने के लिए पुलिस की मदद मांगी, जिस पर बुधवार अलसुबह करीब पांच बजे बड़ी संख्या में पुलिस एवं आरएसी का जाब्ता मौके पर तैनात कर दिया गया। इसकी भनक लगने पर किसानों ने भी धरना स्थल पर अधिक से अधिक लोगों से पहुंचने का आह्वान किया। धरना स्थल पर बढ़ती भीड़ को देखते हुए पुलिस ने लोगों को गांव में ही रोक दिया। उधर, सीमेंट कम्पनी ने धरना स्थल से थोड़ा दूर काम शुरू कर दिया, जिसको रुकवाने के लिए धरने पर बैठे किसान, महिलाओं के साथ जाने लगे तो पुलिस ने उन्हें रोकने का प्रयास किया। इस दौरान माहौल गर्म हो गया और पुलिस ने लाठीचार्ज शुरू कर दिया। पुलिसकर्मियों ने पुरुषों के साथ महिलाओं पर भी जमकर लाठियां भांजी, जिससे किसानों में आक्रोश बढ़ गया और उन्होंने पुलिस पर पत्थर व कुर्सियां फेंकनी शुरू कर दी। काफी देर तक माहौल तनावपूर्ण रहा। इस बीच कुछ बुजुर्गों ने बीच-बचाव भी किया।

सकारात्मक वार्ता के बाद धरना हटाया

शाम को पंचायत समिति सभागार में जेएसडब्ल्यू सीमेंट कम्पनी प्रतिनिधियों व किसानों के साथ बैठक हुई, जिसमें कम्पनी ने किसानों की लगभग सभी मांगों को मान लिया। एक मांग जमीन की रेट बढ़ाने को लेकर थी, जिसके लिए कम्पनी प्रतिनिधियों ने दो महीने का समय मांगा है, जिस पर किसानों ने भी सहमति जताई। दोनों पक्षों में हुई सकारात्मक वार्ता के बाद धरना हटा दिया।

हल्का बल प्रयोग किया

लाठीचार्ज नहीं किया, ग्रामीणों ने पथराव कर दिया था, इसलिए पुलिस ने हल्का बल प्रयोग करके उन्हें खदेड़ा। पथराव में एक-दो पुलिसकर्मियों को चोटें भी आई। एक गाड़ी के शीशे भी टूटे। पुलिस ने अभी तक किसी को न तो गिरफ्तार किया है और न ही मामला दर्ज किया है।