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Kota शहर में चीनी मांझा बेचने वालों को पुलिस ने पकड़ा

 
Kota शहर में चीनी मांझा बेचने वालों को पुलिस ने पकड़ा 

कोटा न्यूज़ डेस्क, मकर संक्रांति के नजदीक आते ही शहर में पतंगबाजी का क्रेज बढ़ जाता है। कोटा में पतंग और मांझा बेचने वाले दुकानदार भी चोरी-छिपे चाइनीज मांझा बेच रहे हैं। नगर निगम की टीम रोजाना शहर के अलग-अलग इलाकों में चाइनीज मांझा बेचने वाली दुकानों पर दबिश दे रही है और उन्हें जब्त कर नष्ट कर रही है। अब नगर निगम की टीम हरकत में आ गई है। जिन दुकानदारों की दुकानों पर चाइनीज मांझा मिल रहा है, उनके खिलाफ पुलिस भी कार्रवाई कर रही है। साथ ही चाइनीज मांझे के रोल भी जब्त किए जा रहे हैं। चाइनीज मांझे से लोग घायल हो रहे हैं। पशु-पक्षी भी घायल होकर मर रहे हैं। शहर में चाइनीज मांझे से घायल पशु-पक्षियों के लिए ह्यूमन हेल्प लाइन नामक संस्था ने एंबुलेंस शुरू की है।

शहर पुलिस अधीक्षक अमृता दुहन ने बताया कि चाइनीज मांझे की रोकथाम के लिए अभियान चलाया गया है। जिसमें भीमगंज मंडी पुलिस ने खेरली फाटक क्षेत्र की सुभाष कॉलोनी से नेमीचंद मीना की दुकान से चाइनीज मांझे के 2 रोल जब्त किए। जहां बिरजू सुमन की दुकान से चाइनीज मांझे के तीन रोल जब्त कर उसे गिरफ्तार किया गया। गुमानपुरा थाना क्षेत्र में इरशाद के कब्जे से चाइनीज मांझे के तीन रोल जब्त कर उसे गिरफ्तार किया गया। मुख्य अग्निशमन अधिकारी राकेश व्यास ने बताया कि अजहर खान अग्निशमन अधिकारी, सीता चोपदार व निगम कर्मचारियों की टीम ने थाना क्षेत्र, खेरली फाटक में 12 से अधिक स्थानों पर चाइनीज मांझा बेचने वालों के खिलाफ कार्रवाई की। कार्रवाई के दौरान 38 रोल चाइनीज मांझे को जब्त कर सब्जीमंडी अग्निशमन केंद्र में नष्ट कराया गया। कोटा शहर में प्रतिदिन औचक निरीक्षण कर चाइनीज मांझा बेचने वालों के खिलाफ कार्रवाई की जा रही है।

मनोज जैन आदिनाथ ने बताया कि हर वर्ष की भांति इस वर्ष भी चाइनीज मांझे के कहर से घायल पक्षियों के रेस्क्यू के लिए ह्यूमन हेल्प लाइन संस्था पशु कल्याण के क्षेत्र में विशेष अभियान चला रही है। जिसमें दो चार पहिया वाहन व तीन दो पहिया एंबुलेंस को शामिल किया गया है, ताकि घायल पक्षियों को मौके पर ही रेस्क्यू किया जा सके। हाल ही में रेस्क्यू टीम द्वारा बहुउद्देश्यीय पशु चिकित्सालय में डॉ. अखिलेश पांडे व अन्य वरिष्ठ चिकित्सकों द्वारा घायल पक्षियों का उपचार किया जा रहा है। साथ ही घरेलू पक्षियों के सुरक्षित आश्रय के लिए अस्थायी शेल्टर होम बनाया गया है। जिसमें दाना-पानी व देखभाल की व्यवस्था के लिए केयरटेकर नियुक्त किए गए हैं। जो स्वस्थ होने के बाद कबूतरों को खुले आसमान में पुनर्वासित कर रहे हैं।