कोटा न्यूज़ डेस्क, कोटा कैंसर रोग किसी भी उम्र में हो सकता है, लेकिन रोग का निदान व उपचार प्रारंभिक अवस्थाओं में किया जाए तो कैंसर का पूर्ण उपचार संभव है। कैंसर का सर्वोत्तम उपचार बचाव ही है। यदि व्यक्ति जीवनशैली में कुछ परिवर्तन करने को तैयार हो तो 50 प्रतिशत मामलों में कैंसर को होने के पहले ही रोका जा सकता है। हाड़ौती अंचल में कैंसर होने का कारण गुटखा, जर्दा, स्मोकिंग, लालदंत मंजन व शराब का सेवन है। इनके सेवन से प्रतिवर्ष कैंसर रोगी बढ़ रहे हैं। अकेले कोटा संभाग में पिछले दो साल में 100 से अधिक नए कैंसर रोगी सामने आ चुके हैं। कैंसर एक ऐसी बीमारी है, जिसमें शरीर की कोशिकाएं अनियंत्रित रूप से बढ़ने लगती हैं और ट्यूमर बना लेती हैं। ये ट्यूमर शरीर के किसी भी हिस्से में हो सकता है। पुरुषों में नाक, कान व गला के रोगी ज्यादा हैं तो महिलाओं में ब्रेस्ट कैंसर व बच्चेदानी के कैंसर के रोगी सर्वाधिक हैं। विश्व कैंसर दिवस 4 फरवरी को पूरे विश्व में मनाया जाता है। इस साल इसकी थीम है यूनाइटेड बाय यूनिक। इसका मतलब है कि कैंसर केयर हर मरीज को उसकी जरूरत और बीमारी के हिसाब से दी जाए, ताकि वो ठीक हो सके और जीवन जीने की गुणवत्ता में सुधार हो सके।
कैंसर के लक्षण
थकान, वजन घटना, भूख में कमी, दर्द, गांठ या सूजन, त्वचा में बदलाव, मल या मूत्र में बदलाव, खांसी या आवाज में बदलाव।
कैंसर का निदान संभव
शारीरिक परीक्षण, रक्त परीक्षण, इमेजिंग परीक्षण जैसे एक्स-रे, सीटी स्कैन, एमआरआई, बायोप्सी।
एक तिहाई कैंसर से होने वाली मौत हमारी गलत आदत
डब्ल्यूएचओ के अनुसार कैंसर विश्व में मृत्यु देने वाली दूसरी मुय बीमारी है। इस बीमारी से पूरे विश्व में हर 8 मिनट में एक व्यक्ति की मौत हो जाती है। करीब एक करोड़ लोतों की हर साल इस बीमारी से मौत हो जाती है। पूरे विश्व में लगभग 6 मौतों में से 1 मौत कैंसर से होती है। एक तिहाई कैंसर से होने वाली मौतों की वजह हमारी गलत आदतें हैं। पूरे विश्व में 22% कैंसर मौतों के लिए तंबाकू जिमेदार है। आने वाले 20 वर्ष में भारत में कैंसर के रोगी लगभग दोगने हो जाएंगे। भारत में नए-पुराने केस मिलाकर करीब 25 लाख रोगी कैंसर बीमारी से पीड़ित हैं।