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Jodhpur ‘फाउंडेशन स्टॉक’ तय करेगा मारवाड़ी नस्ल का भविष्य, तीन पीढ़ियों तक जांच

 
Jodhpur  ‘फाउंडेशन स्टॉक’ तय करेगा मारवाड़ी नस्ल का भविष्य, तीन पीढ़ियों तक जांच
जोधपुर न्यूज़ डेस्क, जोधपुर देश-दुनिया में मारवाड़ी नस्ल के घोड़े अपनी आकर्षक बनावट के कारण अलग पहचान रखते हैं। कम होते जा रहे नस्ल के घोड़ों का भविष्य अब फाउंडेशन स्टॉक (एफ एस) तय करेगा। मारवाड़ी नस्ल को बरकरार रखने व उनके मूल स्वरूप को बनाए रखने के लिए जोधपुर ने पहल की है। ऑल इंडिया मारवाड़ी हॉर्स सोसायटी अन्तरराष्ट्रीय तरीका अपना रही है, जिसे फाउंडेशन स्टॉक (एफ एस) कहा जाता है। इसके तहत मारवाड़ी नस्ल की शर्तों व मापदण्डों पर खरे उतरने वाले मारवाड़ी नस्ल के घोड़े, घोड़ी व उसके बच्चे का रजिस्ट्रेशन किया जाएगा। इससे यह पता चलेगा कि ये मूल मारवाड़ी नस्ल के अश्व हैं। जोधपुर में हुए मारवाड़ हॉर्स शो में देशभर से मारवाड़ी नस्ल के अश्वों ने भाग लिया। शो में विभिन्न श्रेणियों के साथ पहली बार फाउंडेशन स्टॉक (एफ एस) श्रेणी को शामिल किया गया।

असली मारवाड़ी नस्ल के अश्व की पहचान

मजबूत कद-काठी व शरीर काफी चमकदार होता है।

गर्दन मोर की तरह घुमावदार होती है।

आंख-नाक की बनावट।

घोड़ों के दोनों कान ऊपर की ओर होते हैं, जो अंग्रेजी के ’वी’ अक्षर की तरह होते हैं।  मारवाड़ी अश्व विशेषज्ञ गौरव जोशी के अनुसार इस प्रक्रिया में घोड़ा, घोड़ी व उसके बच्चे की तीन पीढ़ियों तक मापदण्डों के अनुसार जांच की जाएगी। जिसमें एफ-1, एफ-2 व एफ-3 में जांच के बाद मारवाड़ी नस्ल के अश्वों में रजिस्ट्रेशन किया जाएगा, अन्यथा उनको इस श्रेणी से बाहर कर दिया जाएगा व उनका पंजीयन नहीं किया जाएगा।

पासपोर्ट रोेकेगा नकली मारवाड़ी घोड़ों का एक्सपोर्ट

दूसरी नस्ल के घोड़ों को मारवाड़ी नस्ल के घोड़े बताकर एक्सपोर्ट के खेल को रोकने के लिए सोसायटी की ओर से असली मारवाड़ी नस्ल के घोड़ों का पासपोर्ट बनाया जा रहा है। जिसमें मारवाड़ी नस्ल के घोड़ों की कद, काठी, रंग, उनके माता-पिता सहित तीन पीढ़ियों की जानकारी होती है। साथ ही, बच्चा मारवाड़ी नस्ल के माता-पिता का ही बच्चा है, इसके लिए डीएनए रिपोर्ट भी बनाई जाती है।