Aapka Rajasthan

Jalore आंदोलन में 13वें दिन करावड़ी के ग्रामीणों का समर्थन, सांचौर जिला बहाल करने की मांग

 
Jalore आंदोलन में 13वें दिन करावड़ी के ग्रामीणों का समर्थन, सांचौर जिला बहाल करने की मांग 

जालोर न्यूज़ डेस्क , जालोर राज्य सरकार द्वारा सांचौर जिला खत्म करने के बाद सांचौर जिला बचाओ संघर्ष समिति द्वारा आयोजित किया जा रहा धरना 13 वें दिन जारी रहा। इस दौरान धरने को ग्रामीणों का लगातार समर्थन मिल रहा है। शुक्रवार को करावड़ी के ग्रामीणों ने समर्थन देकर रैली निकाली व राज्य सरकार से जिला बहाल करने की मांग की। इस दौरान ग्रामीणों ने राज्य सरकार पर आरोप लगाया कि वह जनताहितार्थ कार्यों के खिलाफ कार्य रही है, जिसका आने वाले समय में जनता जवाब देगी। ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि सांचौर नर्मदा, भारतमाला जैसी बड़े प्रोजेक्ट होने के बावजूद भी सरकार ने जिला खत्म कर दिया। ऐसे में हम नेहड़ क्षेत्र के लोगों को ढाई किमी की दूरी तय कर जालोर मुख्यालय पर जाना पड़ेगा, जिसे किसी भी सूरत में स्वीकार नहीं किया जाएगा। ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि जब तक जिला बहाल नहीं होगा, तब तक धरना जारी रखने व आंदोलन को तेज करने का ऐलान किया।

वहीं भाजपा सरकार के मंत्रियों व विधायकों से सवाल जवाब करने की बात कही। इस दौरान धरना स्थल पर बड़ी संख्या में ग्रामीणों के साथ संघर्ष समिति के लोगों ने धरने को संबोधित किया। इस दौरान ग्रामीणों ने सरकार द्वारा जिला खत्म करने पर रोष जाहिर किया व सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। वहीं सरकार से जिला वापिस देने की मांग को लेकर उपखंड अधिकारी प्रमोद कुमार चौधरी को ज्ञापन दिया। ज्ञापन में बताया कि प्रदेश की वर्तमान सरकार ने पूर्व सरकार द्वारा घोषित सांचौर जिले को 28 दिसम्बर 2024 को निरस्त कर दिया गया है। परन्तु डीग, खेरथल व सलूंबर जिले जो आबादी के हिसाब से सांचौर जिले के बराबर हैं। डीग जिले की भरतपुर जिले से मात्र 35 किमी दूर खैरथल जिला अलवर जिले से मात्र 45 किमी दूर व सलुम्बर जिला उदयपुर जिले से 70 किमी दूर है। जबकि सांचौर जिला जालोर जिले से 145 किमी दूर व अंतिम गांव आकोडिय़ा रणखार करीब 250 किमी दूर हैं। पूर्व सरकार द्वारा गठित रामलुभाया कमेटी ने नवगठित जिलों में दूरी व आबादी को मानकर नए जिले गठित किए थे।

जबकि वर्तमान भाजपा सरकार द्वारा कौनसे आधार पर जिलों को निरस्त किया गया कोई स्पष्ट नहीं है। सांचौर जिला बनने से जिला मुख्यालय नजदीक होने पर आमजन के लोगों के सभी जिले स्तर के कार्य जल्द होने लगे व आर्थिक बोझ भी ज्यादा नहीं रहा। ज्ञापन में बताया कि 25 सितम्बर 2024 से 2 अक्टूबर 2024 तक जिला मुख्यालय सांचौर के आगे अनशन व महापहाड़व किया था। भाजपा सरकार को सांचौर जिला निरस्त नहीं करने के बारे में भी ज्ञापन देेकर अनुरोध किया था, किसी भी लोक कल्याणकारी सरकार की जिम्मेदारी बनती है कि जनहित में लिए गए निर्णय किसी भी सरकार ने लिए हो प्रत्येक आने वाली सरकारे उन कार्यों को आगे बढ़ाती हैं, परन्तु वर्तमान भाजपा सरकार ने पिछले डेढ साल से व्यवस्थित तरीके से चल रहे सांचौर जिले को निरस्त कर बहुत बड़ी भूल की है। सांचौर जिले को निरस्त करने पर लोगों में भयंकर आक्रोश हैं, ऐसी स्थिति में जिला पुन: घोषित नहीं होता है तब तक धरणा जारी रखने की चेतावनी दी। इस दौरान धरने में पूर्व मंत्री सुखराम बिश्नोई, संघर्ष समिति के अध्यक्ष भीमाराम चौधरी, उपाध्यक्ष अमराराम माली, देवाराम देवासी ने सहभागिता निभाई।

दर्जन भर ग्राम पंचायतों ने दिया समर्थन

जिला बहाल करने को लेकर संघर्ष समिति द्वारा दिए जा रहे धरने को ग्रामीणों का लगातार समर्थन मिल रहा है, जिसमें धमाणा, धानता, कारोला, हरियाली, भादरूणा, जाखल, करावडी सहित अन्य ग्राम पंचायतों द्वारा समर्थन दिया गया। वहीं संघर्ष समिति को प्रतिदिन अलग- अलग ग्राम पंचायतों समर्थन देने का सिलसिला लगातार जारी है।