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Jalore एक तरफ ओवरफ्लो पानी बना आफत, दूसरी तरफ टेल में पानी को तरस रहे किसान

 
Jalore एक तरफ ओवरफ्लो पानी बना आफत, दूसरी तरफ टेल में पानी को तरस रहे किसान
जालोर न्यूज़ डेस्क, जालोर नर्मदा नहर का ओवरफ्लो पानी नेहड क्षेत्र के लोगों के लिए एक तरफ तो आफत बना हुआ है। वहीं दूसरी तरफ टेल के किसान पानी के लिए तरस रहे है। टेल के किसान पानी की मांग कर रहे है। लेकिन संबंधित विभाग की ओर से ओवरफ्लो के पानी को लूनी नदी में बहाया जा रहा है। नर्मदा विभाग के अधिकारियों की लापरवाही व प्रशासन की उदासीनता के कारण लूनी नदी के प्रवाह क्षेत्र में व्यर्थ बहा रहे पानी के कारण नेहड़ क्षेत्र की मुख्य सड़क मार्ग पर पानी बहाव से गड्ढे हो गए है। सुथड़ी से सुराचंद के बीच में ओवरफ्लो पानी से सड़क के टूट जाने से वाहन चालक परेशान हो रहे है। फिर भी संबंधित विभाग के द्वारा सूखी पड़ी नहरो में पानी नहीं छोड़ा जा रहा है। नर्मदा विभाग के अधिकारियों द्वारा नर्मदा मुख्य कैनाल सहित इनसे निकलने वाली माइनरों के साईफनों से अतिरिक्त पानी लूनी नदी के प्रवाह क्षेत्र में पिछले दो माह से छोड़ा जा रहा है। इस ओवरफ्लो पानी की वजह से सुथड़ी से सुराचंद के बीच सड़क पर पानी के फैलाव हो जाने के कारण सड़क मार्ग टूट गए है व गड्ढे हो गए है। जिनकी वजह से हर रोज वाहनचालक परेशान हो रहे है। संबंधित विभाग व प्रशासन के द्वारा इस ओवरफ्लो पानी के स्थाई समाधान को लेकर कोई प्रयास नहीं किया जा रहा है।

टेल तक कर रहे पानी की मांग

दूसरी और क्षेत्र के किसान नर्मदा मुख्य कैनाल से जुड़ी वितरिकाओं माइनरो व सब माइनरों में टेल तक पानी पहुंचाने को लेकर प्रशासन को ज्ञापन देकर एवं मौखिक रूप से अवगत करवा रहे हैं। फिर भी नर्मदा विभाग के अधिकारियों के द्वारा उन नहरो में टेल तक पानी नहीं पहुंचाया जा रहा है। इस प्रकार की समस्या को लेकर संबंधित विभाग को अवगत करवाते हुए 7 दिसंबर 2024 को टेल में सूखी पड़ी माइनर, इधर नदी में छोड़ रहे ओवरफ्लो पानी, 14 दिसंबर को ओवरफ्लो पानी ने किसानों के अरमानों पर फेरा पानी, प्रशासन व विभाग नहीं दे रहा ध्यान व 3 जनवरी 2025 को ओवरफ्लो पानी से टूटी सड़कें , वाहन चालक हो रहे परेशान शीर्षक से खबर प्रकाशित कर प्रशासन व संबंधित विभाग को अवगत करवाया था। उसके बावजूद ध्यान नहीं देने से कई किसानों के खेतों में खड़ी फसलों में पानी भर जाने से सैकड़ो बीघा जमीन में बोई गई फसले जल चुकी है। दूसरी तरफ कई किसानों के द्वारा अपने खेतों में बुवाई के लिए जीरा, इसबगोल, रायडा, सरसों व गेंहू का छिड़काव कर दिया गया था, मगर टेल तक पानी नहीं पहुंचने की वजह से उन खेतों की आज तक सिंचाई नहीं हो पाई है।

पानी में डूबने से फसल नष्ट

सुथड़ी ग्राम पंचायत के उमरकोट, फोगड़वा, साकरिया क्षेत्र के खेतों में पिछले एक माह से ओवरफ्लो पानी भरा रहने से इन खेतों में की गई सैवज खेती की फसले पानी भरा रहने की वजह से नष्ट हो चुकी है। नेहड़ क्षेत्र के साकरिया माइनर, रतोड़ा वितरिका से निकलने वाली कई माइनरों व सब माईनरों में पिछले कई सालों से टेल तक पानी नहीं पहुंच रहा है। जिसकी वजह से इन क्षेत्र के किसान पिछले कई सालों से खेती से वंचित रह रहे हैं।