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Jaipur पेयजल परियोजनाओं का 2378 करोड़ का बिजली का बिल

 
Jaipur पेयजल परियोजनाओं का 2378 करोड़ का बिजली का बिल
जयपुर न्यूज़ डेस्क , जयपुर समेत प्रदेश के सभी जिलों में 8 करोड़ लोगों को पानी सप्लाई के लिए चल रही पेयजल परियोजनाओं के संचालन पर 2880 मेगावाट बिजली खर्च हो रही है और सालाना 2378 करोड़ के बिजली बिल ने जलदाय विभाग की कमर तोड़ रखी है। इस बिल को चुकाने के बाद विभाग के पास नई पेयजल परियोजनाओं को शुरू करने के लिए एक धेला भी नहीं बचता, जिससे सरकार की ओर देखने की मजबूरी बन गई है।

बिजली बिल का भारी बोझ

पूरे प्रदेश की पेयजल परियोजनाओं का सालाना बिजली बिल 2300 करोड़ से अधिक है, जिसमें से आधा बिल जयपुर शहर का है। शहर में 110 सप्लाई जोन, 50 पंप हाउस और 100 से ज्यादा पानी की टंकियां हैं। इस संचालन पर हर महीने 50 से 60 करोड़ का बिजली बिल आ रहा है।

जयपुर का पहला ग्रीन पंप हाउस

विभाग ने पेयजल परियोजनाओं के भारी भरकम बिजली के बिल को कम करने के लिए सौर ऊर्जा की दिशा में कदम बढ़ाया है। जयपुर में भूजल विभाग में पहला ग्रीन पंप हाउस तैयार किया गया है, जहां 100 किलोवाट क्षमता का सौर प्लांट स्थापित किया गया है, जो प्रतिदिन 400 यूनिट बिजली का उत्पादन कर रहा है। वहीं जल भवन पर 150 किलोवाट क्षमता का सौर प्लांट लगाया गया है, जिससे प्रतिदिन 750 यूनिट बिजली का उत्पादन हो रहा है। जनवरी से जून तक की तीखी धूप के दौरान अतिरिक्त बिजली उत्पादन से विभाग को अतिरिक्त आय भी होगी।

नाकाफी कदम

विभाग के शीर्ष अधिकारियों का कहना है कि सौर ऊर्जा के एक कदम से बिजली बिल में बड़ी राहत मिलने की संभावना कम है। सालाना बिजली बिल में से 47 प्रतिशत बिजली का बिल 300 एचपी की क्षमता वाले पंप हाउस का है।

नलकूप और पंप हाउस का बिजली बिल

56,719 नलकूप (25 एचपी से कम क्षमता)

1068 मेगावाट बिजली की खपत

868 करोड़ सालाना बिजली का बिल

398 पंप हाउस (300 एचपी की क्षमता)

1407 मेगावाट बिजली की खपत

1118 करोड़ का बिजली का बिल