राजस्थान को ग्लोबल कम्पेटिटिविटी सेंटर बनाने की तैयारी, 12 नई पॉलिसीज़ पर काम शुरू
राजस्थान सरकार राज्य को ग्लोबल कम्पेटिटिविटी सेंटर के रूप में विकसित करने की दिशा में बड़े कदम उठाने की तैयारी कर रही है। इसके तहत प्रदेश में कृषि एमएसएमई, मैन्युफैक्चरिंग, आईटी, ग्रीन एनर्जी और एयरोस्पेस जैसे प्रमुख सेक्टरों को शामिल करते हुए 12 नई पॉलिसीज लागू करने की योजना बनाई जा रही है।
मुख्य उद्देश्य और सेक्टर
सरकार का उद्देश्य राजस्थान को निवेश और रोजगार के मुख्य केंद्र के रूप में स्थापित करना है। इन नई पॉलिसीज का लक्ष्य है:
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कृषि एमएसएमई में स्मार्ट और टेक्नोलॉजी आधारित उन्नयन
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मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर में उद्योग निवेश को बढ़ावा देना
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आईटी और डिजिटल क्षेत्र में वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धा क्षमता बढ़ाना
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ग्रीन एनर्जी सेक्टर में सतत विकास और स्वच्छ ऊर्जा उत्पादन को प्रोत्साहित करना
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एयरोस्पेस और उन्नत तकनीक के क्षेत्र में स्टार्टअप्स और रिसर्च को बढ़ावा
सरकार का मानना है कि इन सेक्टरों में निवेश और नई पॉलिसीज के माध्यम से राज्य की आर्थिक वृद्धि और वैश्विक प्रतिस्पर्धा क्षमता दोनों में सुधार होगा।
नई पॉलिसीज की रूपरेखा
विकास विशेषज्ञों के अनुसार, ये 12 नई पॉलिसीज़ विभिन्न क्षेत्रों में निवेशकों को आकर्षित करने, स्थानीय उद्योगों को सशक्त बनाने और युवा वर्ग के लिए स्वरोजगार और रोजगार के अवसर बढ़ाने पर केंद्रित होंगी।
इन पॉलिसीज़ में शामिल हैं:
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इनोवेशन और स्टार्टअप समर्थन
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टैक्स में छूट और आर्थिक प्रोत्साहन
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तकनीकी प्रशिक्षण और स्किल डेवलपमेंट प्रोग्राम
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हरित प्रौद्योगिकी और पर्यावरण अनुकूल उपायों का प्रोत्साहन
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ग्लोबल मार्केट एक्सेस और निर्यात प्रोत्साहन
सरकार का दृष्टिकोण
मुख्यमंत्री कार्यालय ने बताया कि राज्य सरकार वैश्विक निवेशकों और इंडस्ट्रीज के लिए अनुकूल वातावरण तैयार करने पर काम कर रही है। इसके लिए नीति निर्माण में सार्वजनिक-निजी भागीदारी (PPP) मॉडल और डिजिटल प्लेटफॉर्म का उपयोग किया जाएगा।
सरकार का मानना है कि इन पॉलिसीज के लागू होने से राज्य में औद्योगिक निवेश में वृद्धि, रोजगार सृजन और युवा वर्ग की तकनीकी दक्षता में सुधार होगा। साथ ही, यह कदम राजस्थान को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रतिस्पर्धी बनायेगा।
विशेषज्ञों की राय
अर्थशास्त्री और उद्योग विशेषज्ञों का कहना है कि यह पहल राजस्थान के लिए गेम-चेंजर साबित हो सकती है। उनका मानना है कि अगर पॉलिसीज़ का सफलतापूर्वक क्रियान्वयन किया गया, तो राज्य में उच्च तकनीक उद्योग, ग्रीन एनर्जी और स्टार्टअप इकोसिस्टम को मजबूती मिलेगी।
