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Jaipur शहर के नाहरगढ़ किले की दीवार पर नजर आया तेंदुआ

 
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जयपुर न्यूज़ डेस्क, जयपुर के नाहरगढ़ किले में पार्किंग एरिया के पास दीवार पर शनिवार सुबह 8 बजे एक तेंदुआ अपने दो बच्चों के साथ देखा गया। कुछ देर तक यह दीवार पर घूमता रहा। फिर चला गया। सुबह नाहरगढ़ पहुंचे पर्यटकों ने तेंदुए को अपने कैमरे में कैद किया। नाहरगढ़ क्षेत्र में रहने वाले मुकेश मीना का कहना है- मैं आज सुबह बच्चों के साथ नाहरगढ़ घूमने निकला था। इस दौरान मुझे पार्किंग एरिया के पास शोर सुनाई दिया। मैं दौड़कर मौके पर गया तो देखा तो तेंदुआ दीवार पर घूम रहा था। तेंदुए को इतने करीब से देखकर लोग उत्साहित हो गए। पर्यटकों ने तेंदुए की फोटोग्राफी और वीडियोग्राफी भी की। डीएफओ जगदीश गुप्ता ने कहा- नाहरगढ़ वन्यजीवों का क्षेत्र है। यहां कई तेंदुए और अन्य जानवर हैं। कई बार दीवार पर तेंदुए दिखाई देते हैं। लोगों को इससे दूर रहना चाहिए। दो महीने में कई बार दिखा लैपर्ड तेंदुआ पार्किंग पर मौजूद सुरक्षा गार्ड दिनेश ने बताया- कुछ समय पहले इसी पॉइंट के पास एक तेंदुए ने दो बच्चों को जन्म दिया है। वह उन्हें मुंह में दबाकर दीवार पर घूमती नजर आ रही है। पब्लिक में होने के बावजूद तेंदुआ ने आज तक किसी पर हमला नहीं किया। ज्यादा शोर होने पर दीवार से उतरकर जंगल की ओर चले जाते हैं। सुबह-शाम कई बार तेंदुओं की आवाजाही होती है।

एक महीने पहले भी दिखा था तेंदुआ

7 दिसंबर को नाहरगढ़ के पड़ाव पर दो तेंदुए लड़ते नजर आए थे। नाहरगढ़ अभ्यारण्य में करीब 15 से 20 तेंदुए हैं। यहां अक्सर आवाजाही होती रहती है।

पहले भी आबादी वाले इलाकों में पहुंच चुके हैं तेंदुए

जयपुर में झालाना और आमागढ़ लेपर्ड रिजर्व होने के कारण यहां बड़ी संख्या में तेंदुओं की आवाजाही रहती है। इससे पहले 7 दिसंबर को जयपुर के विद्याधर नगर में 4 घंटे तक तेंदुए का आतंक रहा था। जयसिंहपुरा खोर के मानबाग और जगतपुरा की आशियाना ग्रीनवुड सोसायटी में तेंदुआ पहुंच गया था। दिल्ली रोड, जमवारामगढ़, मालवीय नगर, झालाना इलाके में भी तेंदुए की आवाजाही देखी गई है। इस दौरान तेंदुए ने कई बार मवेशियों और जंगली जानवरों को अपना शिकार बनाया है। जमवारामगढ़ इलाके में एक मासूम बच्चे की भी मौत हो गई थी।

जयपुर में रह रहे हैं 75 तेंदुए

पिछले कुछ समय से जयपुर में तेंदुओं की संख्या लगातार बढ़ रही है। झालाना, आमागढ़ और नाहरगढ़ सफारी में करीब 75 तेंदुए रह रहे हैं। इनमें सबसे ज्यादा करीब 45 तेंदुए झालाना में हैं। 20 से ज्यादा तेंदुए आमागढ़ के जंगलों में हैं। जयपुर देश का पहला ऐसा शहर है, जहां 2 तेंदुआ सफारी, एक शेर सफारी, एक बाघ और एक हाथी सफारी है।