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Jaipur माल की त्वरित डिलीवरी का कारोबार बढ़ रहा, स्थानीय बाजार चिंतित

 
Jaipur माल की त्वरित डिलीवरी का कारोबार बढ़ रहा, स्थानीय बाजार चिंतित
जयपुर न्यूज़ डेस्क, जयपुर राजधानी में क्विक कॉमर्स का चलन तेजी से बढ़ रहा है। यही वजह है कि कई नामचीन कपनियां भी क्विक कॉमर्स (10 से 30 मिनट में सामान पहुंचाना) की ओर रुख कर रही हैं।इन कपनियों के बाजार में आने से डिलीवरी बॉय (गिग वर्कर्स) और ग्राहकों को तो फायदा होगा, लेकिन स्थानीय बाजार इसको लेकर चिंतित है। स्थानीय व्यापारियों को लगता है कि इससे लोकल मार्केेट आने वाले कुछ वर्षों में ठप हो जाएगा।वहीं, डिलीवरी बॉय को शुरुआत में तो डिलीवरी चार्ज के रूप में अच्छा मुनाफा और इंसेटिव भी दिया जाता है। लेकिन कुछ माह बाद दोनों में कटौती कर दी जाती है। फिलहाल बड़ी संया में शहर के युवा और बेरोजगार क्विक कॉमर्स कपनियों से जुड़ रहे हैं। दरअसल, ग्राहकों तक सामान कम समय में पहुंचाने के लिए कपनियों ने शहर की प्राइम लोकेशन और बढ़ते इलाकों में छोटे-छोटे गोदाम बनाकर नेटवर्क विकसित कर लिया है।

इसलिए आकर्षित हो रहे ग्राहक

ऑफर की बहार: क्विक कॉमर्स ग्राहकों को आकर्षित करने पर 100 से 150 रुपए का सीधे फायदा दे रहे हैं। इसके अलावा डिस्काउंट के साथ फ्री डिलीवरी का भी विकल्प ग्राहकों को मिल जाता है। घर बैठेे मिल रहा सामान: ऑर्डर देने के 10 से 20 मिनट में सामान घर पर पहुंच रहा है। ग्राहकों को न तो खत्म हुए सामान की लिस्ट बनाने की जरूरत पड़ रही है और न ही बाजार जा रहे हैं।

बाजार पर असर

क्विक कॉमर्स का चलन तेजी से बढ़ रहा है। इससे रोजगार तो मिल रहा है, लेकिन यह स्थायी नहीं है। शुरुआत में कपनियां जोड़ने के लिए आकर्षक ऑफर देती हैं, लेकिन कुछ माह पर टार्गेट दे दिए जाते हैं। सरकार को स्थानीय बाजारों को भी देखने की जरूरत है ताकि स्थानीय व्यापारी बचे रहें। 

बिक्री पर असर: क्विक कॉमर्स के बढ़ते मॉडल से स्थानीय दुकानदार परेशान हैं। बड़ी कंपनियां तेज डिलीवरी के साथ अपने उत्पाद बेचने लगी हैं। इससे छोटे व्यापारी ऑनलाइन कंपनियों से मुकाबला नहीं कर पा रहे हैं और बिक्री घट रही है।