Jaipur सार्वजनिक परिवहन से शहर के पर्यावरण को मिलेगी राहत, 70% ऑटो रिक्शा सीएनजी से चलेंगे

शहर में लगभग 30,000 ई-रिक्शा भी चल रहे हैं, जो रोज़ाना तीन से चार लाख लोगों के आवागमन का साधन बने हुए हैं। इन वाहनों ने प्रदूषण को कम करने में बड़ा योगदान दिया है। इसके अलावा, कैब सेवाओं में भी लगभग 30 फीसदी वाहन सीएनजी और इलेक्ट्रिक से चल रहे हैं। आने वाले पांच वर्ष में उमीद की जा रही है कि शहर के पब्लिक ट्रांसपोर्ट वाहन पूरी तरह से इलेक्ट्रिक और सीएनजी में बदल जाएंगे, जिससे जयपुर की हवा को शुद्ध करने में मदद मिलेगी।
परिवहन विभाग की पहल: सीएनजी ऑटो को मिलेंगे परमिट: राजधानी में बढ़ते प्रदूषण को देखते हुए सरकार सीएनजी और इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा देने की दिशा में काम कर रही है। इलेक्ट्रिक वाहनों की खरीद पर छूट दी जा रही है, वहीं परिवहन विभाग ने सीएनजी ऑटो के लिए नए रूट भी खोलने का निर्णय लिया है। विभाग ने एलपीजी-सीएनजी ऑटो रिक्शा का दायरा बढ़ाने के लिए 6,000 नए परमिट जारी करने का निर्णय लिया है। इनमें से 3,000 परमिट आरटीओ प्रथम और 3,000 परमिट आरटीओ सेकंड की ओर से जारी किए जाएंगे।
300 सीएनजी और 175 ई-बसों का आगमन
जयपुर सिटी ट्रांसपोर्ट सर्विसेज लिमिटेड (जेसीटीएसएल) की ओर से भी सीएनजी और ई-बसों का समावेश किया जा रहा है। जेसीटीएसएल की बोर्ड बैठक में 300 सीएनजी बसों को मंजूरी दी गई है। इसके साथ ही, निगम की ओर से 175 इलेक्ट्रिक बसों की खरीद भी की जा रही है। पहली बार जयपुर की बस सेवा में सीएनजी और इलेक्ट्रिक बसें शामिल की जाएंगी।