फर्जी संदेश फैलाने के आरोप में RAS अधिकारी पंकज ओझा के खिलाफ FIR दर्ज
राजस्थान के RAS अधिकारी पंकज ओझा के खिलाफ फर्जी और भड़काऊ संदेश फैलाने के आरोप में राजस्थान देवस्थान विभाग ने अशोक नगर थाने में FIR दर्ज करवाई है। वर्तमान में पंकज ओझा राजस्थान सरकार के गोपालन विभाग के निदेशक पद पर तैनात हैं।
FIR और आरोप का विवरण
FIR में आरोप है कि 27 अक्टूबर को सचिवालय कक्ष 4210 में हुई एक मीटिंग से जुड़े मामले में कुछ अज्ञात व्यक्तियों ने फर्जी WhatsApp संदेश तैयार किया और इसे विभिन्न ग्रुप्स में वायरल कर दिया। इस संदेश के फैलने से देवस्थान विभाग और सचिव डॉ. समित शर्मा की छवि धूमिल हुई।
देवस्थान विभाग के अधिकारियों ने बताया कि मामला गंभीरता से लिया गया है और अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं कि फर्जी खबर और भड़काऊ सामग्री फैलाने वालों की पहचान की जाए। FIR में पंकज ओझा के खिलाफ साक्ष्यों के आधार पर कार्रवाई दर्ज की गई है।
पंकज ओझा का बयान
इस मामले में पंकज ओझा ने कहा कि उन्होंने किसी भी प्रकार के भड़काऊ संदेश का निर्माण या प्रसारण नहीं किया। उन्होंने आश्वस्त किया कि सत्यापित जानकारी और कानून का पालन उनके कार्य का हिस्सा है। अधिकारी ने मामले की स्वतंत्र और निष्पक्ष जांच की मांग की है।
सार्वजनिक और प्रशासनिक प्रतिक्रिया
इस घटना के बाद प्रशासनिक और सामाजिक स्तर पर चर्चा और बहस शुरू हो गई है। विशेषज्ञों का कहना है कि सरकारी अधिकारियों के नाम से फर्जी संदेशों का फैलना सार्वजनिक विश्वास और विभागीय प्रतिष्ठा को प्रभावित कर सकता है।
कई नागरिकों और मीडिया विश्लेषकों ने इसे साइबर सुरक्षा और सूचना सत्यापन के महत्व की याद दिलाने वाला मामला बताया। उन्होंने कहा कि ऐसे मामलों में कानूनी कार्रवाई और दोषियों की पहचान जरूरी है, ताकि भविष्य में ऐसे प्रकरणों को रोका जा सके।
अधिकारियों की जांच प्रक्रिया
अशोक नगर पुलिस थाने ने FIR दर्ज कर तत्काल जांच शुरू कर दी है। पुलिस सूत्रों ने बताया कि संदेश के स्रोत और वायरल करने वाले ग्रुप्स की पहचान की जा रही है। इसके अलावा, साइबर सेल की मदद से संदेश के फैलने की पूरी श्रृंखला का पता लगाया जाएगा।
