पूर्व महापौर मुनेश गुर्जर पर एसीबी की कार्रवाई, आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने का मामला दर्ज
राजस्थान में भ्रष्टाचार के मामलों ने फिर से सुर्खियाँ बटोरी हैं। भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) ने जयपुर नगर निगम हैरिटेज की पूर्व महापौर मुनेश गुर्जर और उनके पति सुशील गुर्जर के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने का मामला दर्ज किया है।
जांच में हुआ बड़ा खुलासा
एसीबी के अनुसार, जांच में यह सामने आया है कि मुनेश गुर्जर ने अपने 33 महीने के कार्यकाल में अपनी कुल आय से करीब 315 प्रतिशत अधिक संपत्ति अर्जित की। यह आंकड़ा उनके कार्यकाल के दौरान संपत्ति वृद्धि में असामान्य और संदिग्ध बढ़ोतरी को स्पष्ट करता है।
जांच अधिकारी बताते हैं कि मुनेश गुर्जर और उनके पति के खाते और संपत्ति के स्रोतों की विस्तृत जांच की जा रही है। इसमें बैंक खातों, जमीन-जायदाद और अन्य निवेशों की पूरी जानकारी जुटाई जा रही है।
एसीबी की कार्रवाई और प्रक्रिया
एसीबी ने मामले में आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने का मामला दर्ज कर जाँच शुरू कर दी है। अधिकारियों ने कहा कि मामला गंभीर है और इसे जल्द से जल्द निष्पक्ष तरीके से जांच कर सख्त कार्रवाई की जाएगी।
आय से अधिक संपत्ति अर्जित करना एक गंभीर अपराध है, जो भारतीय दंड संहिता और लोकसेवा भ्रष्टाचार रोकथाम कानूनों के तहत आता है। जांच में यदि आरोप साबित होते हैं तो आरोपी को कठोर दंड और संपत्ति जब्ती का सामना करना पड़ सकता है।
राजनीतिक और सामाजिक प्रतिक्रिया
इस मामले ने जनता और राजनीतिक हलकों में हलचल पैदा कर दी है। राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि यह मामला राजनीतिक पद का दुरुपयोग और भ्रष्टाचार की असहिष्णु प्रवृत्ति को उजागर करता है।
सामाजिक कार्यकर्ताओं का कहना है कि ऐसी घटनाएँ जनता में भ्रष्टाचार के प्रति अविश्वास पैदा करती हैं और सरकारी पदों पर बैठे अधिकारियों से जवाबदेही की आवश्यकता को दोबारा रेखांकित करती हैं।
पूर्व महापौर की प्रतिक्रिया
हालांकि अभी तक मुनेश गुर्जर और उनके पति की तरफ से कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है। उनके वकील ने कहा है कि मामले की जांच निष्पक्ष रूप से हो और सभी तथ्यों की पुष्टि के बाद ही निर्णय लिया जाए।
