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बिना हाथों वाला हिस्ट्रीशीटर भी निकला शातिर लुटेरा, वीडियो में जानें कार चलाकर देता था वारदातों को अंजाम, कोर्ट ने दी सशर्त जमानत

बिना हाथों वाला हिस्ट्रीशीटर भी निकला शातिर लुटेरा, वीडियो में जानें कार चलाकर देता था वारदातों को अंजाम, कोर्ट ने दी सशर्त जमानत
 
बिना हाथों वाला हिस्ट्रीशीटर भी निकला शातिर लुटेरा, वीडियो में जानें कार चलाकर देता था वारदातों को अंजाम, कोर्ट ने दी सशर्त जमानत

राजस्थान के अलवर जिले से एक ऐसा क्रिमिनल केस सामने आया है, जिसने पुलिस और कोर्ट दोनों को हैरान कर दिया है। सदर पुलिस स्टेशन का हिस्ट्रीशीटर पंकज उर्फ ​​गोलू के दोनों हाथ नहीं हैं - एक कंधे के नीचे और दूसरा कोहनी के नीचे - फिर भी उसने पांच लूट की हैं। इतना ही नहीं, हर क्राइम के बाद वह फोर-व्हीलर पर सवार होकर भाग जाता था।

जब पुलिस को पूछताछ के दौरान यह बात पता चली, तो अधिकारियों को भी यकीन नहीं हुआ कि कोई बिना हथियार वाला आदमी इतनी कुशलता और लगातार क्राइम करने में कामयाब हो सकता है।

कोर्ट हैरान रह गया, लेकिन राहत भी मिली।

इस केस की सुनवाई के दौरान, कोर्ट आरोपी की फिजिकल डिसेबिलिटी के बावजूद उसके क्रिमिनल स्किल्स और एक्सपीरियंस से हैरान रह गया।

हालांकि, 6 अक्टूबर, 2025 को कोर्ट ने उसे उसकी डिसेबिलिटी के आधार पर कंडीशनल बेल दे दी। कोर्ट की लगाई शर्तों के मुताबिक -

वह हफ्ते में एक दिन सदर पुलिस स्टेशन परिसर की सफाई में दो घंटे बिताएगा।

इसी के तहत पंकज सोमवार को पुलिस स्टेशन पहुंचा।

पुलिस ने कार चलाने का टेस्ट लिया

उसकी ड्राइविंग काबिलियत जानने के बाद, स्टेशन पर मौजूद पुलिस अधिकारियों ने उसे वहीं कार चलाने को कहा। हैरानी की बात है कि पंकज ने एक आम इंसान की तरह बिना किसी झिझक के तेज़ स्पीड में गाड़ी चलाकर यह दिखाया। पुलिस अधिकारी यह देखकर हैरान रह गए कि अपनी शारीरिक अक्षमता के बावजूद, उसे ड्राइविंग में पूरी महारत हासिल थी।

यह आरोपी कौन है?

पंकज उर्फ ​​गोलू

कटोरीवाला तिबड़ा इलाके का रहने वाला

सदर पुलिस स्टेशन में हिस्ट्रीशीटर घोषित

उस पर लूट और चोरी समेत कई मामले दर्ज हैं।

पुलिस रिकॉर्ड के मुताबिक, वह जवान है और प्राइवेट गाड़ी चलाते हुए शहर और हाईवे पर क्राइम करता रहा है।

कानूनी और सुरक्षा से जुड़े मुद्दे भी उठते हैं

इस केस में कई ज़रूरी सवाल उठते हैं:

विकलांगता का हवाला देकर राहत पाना और फिर दोबारा अपराध करने का डर

बिना हाथों के गाड़ी चलाने की इजाज़त और ट्रैफ़िक कानूनों का पालन

पुलिस की निगरानी और अपराधियों के हुनर ​​पर नज़र रखना

कोर्ट से राहत मिलने के बाद भी, पुलिस को उसकी गतिविधियों पर नज़र रखनी होगी, क्योंकि वह पहले भी गंभीर अपराधों में शामिल रहा है।