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Hanumangarh किसानों की डिजिटल पहचान, बनेगी 11 अंकों की यूनिक आईडी

 
Hanumangarh किसानों की डिजिटल पहचान, बनेगी 11 अंकों की यूनिक आईडी

हनुमानगढ़ न्यूज़ डेस्क, हनुमानगढ़  प्रत्येक पंचायत में तीन दिन लगेगा कैंप कलेक्टर ने बताया कि प्रत्येक ग्राम पंचायत में तीन-तीन दिन शिविर लगेंगे। 5 फरवरी से 7 फरवरी तक हनुमानगढ़ तहसील में गुरुसर, संगरिया में मालारामपुरा, पीलीबंगा में लोंगवाला, रावतसर में 22 एजी, पल्लू में बरमसर, टिब्बी में शेरेकां, नोहर के चक सरदारपुरा और भादरा के साहुवाला ग्राम पंचायतों में शिविर आयोजित होंगे। इसी प्रकार 7 से 9 फरवरी तक हनुमानगढ़ के 31 एसएसडब्ल्यू, संगरिया के मानकसर, टिब्बी के 11 एसटीबी, रावतसर के 4 डीडब्ल्यूएम, पल्लू, पीलीबंगा के मिर्जावाली मेर, नोहर के किकराली और भादरा के भाड़ी ग्राम पंचायतों में शिविर आयोजित किए जाएंगे। फार्मर रजिस्ट्री से पीएम किसान योजना और अन्य सरकारी योजनाओं का लाभ किसानों को समय पर मिलेगा। किसान क्रेडिट कार्ड और एग्रीकल्चर इंफ्रास्ट्रक्चर फंड जैसी सुविधाएं प्राप्त करना आसान होगा। किसानों को सस्ता कृषि ऋण और बेहतर बाजार सुविधाएं मिलेंगी। सरकार के कृषि संबंधी सभी विभागों का डेटा एक मंच पर उपलब्ध रहेगा, जिससे किसानों को तेजी से सेवाएं मिल सकेंगी।

राज्य की कृषि नीतियों में पारदर्शिता आएगी और योजनाओं का लाभ सीधे किसानों तक पहुंचेगा। फार्मर रजिस्ट्री, एग्रीस्टैक डिजिटल एग्रीकल्चर परियोजना का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है, जिसे कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय द्वारा संचालित किया जा रहा है। अभियान के तहत हर किसान को 11 अंकों की एक आईडी दी जाएगी। इसका उद्देश्य किसानों को सरकारी योजनाओं, कृषि ऋण, उच्च गुणवत्ता वाले बीज और अन्य लाभ सीधे पहुंचाना है। इसके तहत भू-संवर्भित राजस्व ग्राम मानचित्र, जीआईएस आधारित रियल टाइम फसल सर्वे और भूमि रिकॉर्ड का डायनेमिक लिंकिंग किया जाएगा। इससे सरकार के पास किसानों की कृषि भूमि, फसल उत्पादन और संबंधित गतिविधियों का रियल टाइम डेटा उपलब्ध होगा जिससे नीति निर्माण में मदद मिलेगी।

 हनुमानगढ़ राज्य सरकार ने किसानों को डिजिटल रूप से सशक्त बनाने की दिशा में बड़ा कदम उठाते हुए फार्मर रजिस्ट्री (एग्रीस्टैक) को लेकर अभियान शुरू करेगी। 5 फरवरी से शुरू होने वाले इस अभियान के तहत जिले में ग्राम पंचायत स्तर पर शिविर आयोजित किए जाएंगे। यहां किसानों को डिजिटल फार्मर आईडी प्रदान की जाएगी। यह 11 अंकों की विशिष्ट आईडी होगी, जिसमें किसानों की कृषि भूमि का पूरा विवरण उपलब्ध रहेगा और इसे आधार से जोड़ा जाएगा। सोमवार को कलेक्टर कानाराम ने संबंधित अधिकारियों की बैठक ली।

कलेक्टर ने कहा कि अभियान के अंतर्गत प्रत्येक किसान को 11 अंकों की विशिष्ट फार्मर आईडी प्रदान की जाएगी। किसानों द्वारा यह आईडी बनवाने के लिए आधार कार्ड, जमाबंदी और मोबाइल नंबर की आवश्यकता होगी। भविष्य में किसानों को सरकारी योजनाओं और सेवाओं तक सरल पहुंच के लिए यह आईडी आवश्यक होगी।इसमें पीएम किसान/सीएम किसान सम्मान निधि योजना तथा कृषि विभाग की अन्य योजनाओं का लाभ प्राप्त करने में भी सुविधा मिलेगी। सरकार इस अभियान के माध्यम से प्रदेश के किसानों को डिजिटल युग से जोड़ने का प्रयास कर रही है। अब किसानों को सरकारी योजनाओं के लिए भटकने की जरूरत नहीं पड़ेगी, बल्कि उनकी पहचान एक ही डिजिटल प्लेटफॉर्म पर उपलब्ध होगी। यह पहल किसानों के लिए डिजिटल क्रांति है, जिससे उनके जीवन में सकारात्मक बदलाव आएगा।