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कोरोना जैसा चीनी वायरस राजस्थान के बच्चे में मिला, वीडियो में देखें और भी बड़ी खबरें

 
कोरोना जैसा चीनी वायरस राजस्थान के बच्चे में मिला, वीडियो में देखें और भी बड़ी खबरें 
डूंगरपुर न्यूज़ डेस्क, चीन में फैले कोरोना जैसे वायरस HMPV की राजस्थान के डूंगरपुर में दो महीने के बच्चे में पुष्टि हुई है। बच्चा 12 दिन से अहमदाबाद के एक अस्पताल में भर्ती है। बच्चा अभी स्वस्थ बताया जा रहा है। बच्चे को सर्दी और तेज बुखार था। परिवार के लोग गुजरात के मोडासा लेकर गए, जहां बच्चे को आराम नहीं मिलने पर उसे अहमदाबाद के ऑरेंज हॉस्पिटल लेकर पहुंचे। 

 

चीन में फैले कोरोना जैसे वायरस HMPV की राजस्थान के डूंगरपुर में दो महीने के बच्चे में पुष्टि हुई है। बच्चा 12 दिन से अहमदाबाद के एक अस्पताल में भर्ती है। बच्चा अभी स्वस्थ बताया जा रहा है।बच्चे को सर्दी और तेज बुखार था। परिवार के लोग गुजरात के मोडासा लेकर गए, जहां बच्चे को आराम नहीं मिलने पर उसे अहमदाबाद के ऑरेंज हॉस्पिटल लेकर पहुंचे।हॉस्पिटल के डॉ. नीरव पटेल ने बताया कि शुरुआत में उसे पांच दिनों तक वेंटिलेटर पर भी रखा गया था। इसके बाद हुई कई जांचों में बच्चे के वायरस से संक्रमित होने की बात सामने आई। प्री मैच्योर डिलीवरी की वजह से बच्चे के फेफड़ों में इंजेक्शन भी लगाया गया था, लेकिन अब बच्चा पूरी तरह से स्वस्थ है। डॉक्टर ने बताया कि इस बीमारी से घबराने की जरूरत नहीं है।सीएमएचओ डॉ अलंकार गुप्ता ने बताया कि बच्चा रीछा गांव का रहने वाला हैं। बच्चे के परिजन अहमदाबाद में उसके साथ है। गांव में एक मेडिकल टीम को भेजा है, जो घर-घर जाकर सर्वे कर रही है।

वायरस साल 2001 से सक्रिय

राजस्थान के हेल्थ मिनिस्टर गजेंद्र सिंह खींवसर ने कहा- यह वायरस साल 2001 से मौजूद है, लेकिन इसका प्रभाव सामान्य रहा है। इस वायरस से मौत का कोई मामला और चिंताजनक स्थिति सामने नहीं आई है। उन्होंने कहा- केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से आज इस वायरस के संबंध में सभी राज्यों के स्वास्थ्य सचिवों के साथ एक वीडियो कॉन्फ्रेंस का आयोजन किया। इसमें भी स्पष्ट किया है कि यह वायरस घातक नहीं है। खांसी-जुकाम जैसे सामान्य लक्षणों के साथ सर्दी के मौसम में आमतौर पर कुछ केस इस वायरस के सामने आते रहे हैं।

देश में 9 केस आए सामने

स्वास्थ्य मंत्री ने बताया- पिछले साल मार्च से दिसंबर तक इस वायरस के देशभर में 9 केस सामने आ चुके हैं। इस वायरस के संक्रमित मरीज की जांच के लिए प्रदेशभर में 5 जगहों पर सरकारी लैब है। ये लैब एम्स जोधपुर, सवाई मानसिंह हॉस्पिटल जयपुर, आरएनटी मेडिकल कॉलेज उदयपुर, सरदार पटेल मेडिकल कॉलेज बीकानेर और एस.एन मेडिकल कॉलेज जोधपुर में उपलब्ध है। किसी भी हॉस्पिटल में इस वायरस के लक्षणों से संबंधित गंभीर रोगी सामने आने पर इन लैब में जांच करवाई जा सकती है।

वायरस के लक्षण कोविड जैसे, छोटे बच्चों पर सबसे ज्यादा असर

HMPV वायरस से संक्रमित होने पर मरीजों में सर्दी और कोविड-19 जैसे लक्षण दिखाई देते हैं। इसका सबसे ज्यादा असर छोटे बच्चों पर देखा जा रहा है। इनमें 2 साल से कम उम्र के बच्चे सबसे ज्यादा प्रभावित हैं।

केंद्र सरकार ने कहा था- HMPV इस मौसम में सामान्य वायरस

चीन में HMPV के बढ़ते मामलों के बीच इमरजेंसी जैसे हालात बनने की बात कही गई थी। हालांकि केंद्र सरकार ने 4 जनवरी को जॉइंट मॉनिटरिंग ग्रुप की बैठक की थी।

इसके बाद सरकार ने कहा था कि फ्लू के मौसम को देखते हुए चीन की स्थिति असामान्य नहीं है और सरकार इनसे निपटने के लिए तैयार है- देश सांस से जुड़ी बीमारियों के मामलों में किसी भी बढ़त से निपटने के लिए पूरी तरह तैयार है।

चीन में फ्लू के बढ़ते मामलों की वजह RSV और HMPV इस मौसम में इन्फ्लुएंजा के सामान्य वायरस हैं। सरकार स्थिति पर कड़ी नजर रख रही है। साथ ही WHO से चीन की स्थिति के बारे में समय-समय पर अपडेट देने को कहा है।

सरकार बोली- फ्लू जैसी बीमारियों की जांच के लिए सिस्टम मौजूद

सरकार ने कहा कि भारत में ICMR और IDSP के जरिए इन्फ्लूएंजा जैसी बीमारी (ILI) और इन्फ्लूएंजा के लिए गंभीर तीव्र श्वसन बीमारी (SARI) के लिए मजबूत निगरानी सिस्टम मौजूद है।दोनों एजेंसियों के आंकड़ों से पता चलता है कि ILI और SARI मामलों में कोई असामान्य बढ़त नहीं हुई है। हालांकि यह भी कहा गया कि एहतियात के तौर पर ICMR, HMPV की टेस्टिंग करने वाली लैब की संख्या बढ़ाएगा। साथ ही पूरे साल HMPV के मामलों पर नजर रखेगा।