Dungarpur के बांसिया स्थित वागड़ संत गोविंद गुरु की कर्मस्थली धूणी मगरी धाम पर बारह बीज मेला भरा, पीले कपड़े में उमड़े भक्त
डूंगरपुर न्यूज़ डेस्क,डूंगरपुर के बंसिया में वागड़ संत गोविंद गुरु की कर्मस्थली धूनी मगरी धाम में बारह बीजों का मेला लगा। इस दौरान धूनी पर हुए धार्मिक कार्यक्रम में पीले वस्त्र धारण कर सैकड़ों की संख्या में श्रद्धालु शामिल हुए। इस दौरान धाम जयकारों और भजनों से गुंजायमान रहा।
बंसिया में वागड़ संत गोविंद गुरु की कर्मभूमि धूनी मगरी धाम में महाराज गिरवर गिरि, अजमल गिरि, नारायणगिरि और प्रेम गिरि के सानिध्य में बारह बीज मेला लगा। धूनी पर हवन, महाआरती, भजन-पूजन और धर्म प्रवचन और परिक्रमा की गई। महिलाओं, युवकों व बुजुर्गों ने पीले वस्त्र धारण कर हाथों में भाला, त्रिशूल व नेजा लेकर नगाड़े के साथ भजन-कीर्तन कर परिक्रमा में भाग लिया। संतों ने अपने संदेश में नशा मुक्त समाज की नींव रखने और गुरु गोविन्द के बताए रास्ते पर चलने का आह्वान किया। दिन भर भक्तिमय माहौल रहा।
मेले में मेवाड़, वागड़, मालवा, गुजरात सहित दूर-दराज के क्षेत्रों से सैकड़ों श्रद्धालुओं ने भाग लिया। व्रत छोड़ने और व्रत रखने की परंपरा निभाई गई। इंद्र धुनी में सामूहिक हवन कर क्षेत्र की खुशहाली की कामना की गई। कोचरी के शंभू महाराज, विश्राम बंजारा, करण बंजारा, हरीश कोतवाल, वासुदेव बरजोद, राधिका दीदी मालवा, गलियाकोट प्रधान जयप्रकाश पारगी, रमेश भीमकुंड, भानुप्रताप पारगी, पंचायत समिति सदस्य विमल प्रकाश डोडियार, धाम के अजमल गिरि महाराज, गोविंद गुरु के दर्शन किए। दिखाए गए मार्ग पर चलने, सत्य और अहिंसा के मार्ग को अपनाने, बच्चों को उच्च शिक्षा दिलाने का आह्वान किया। राधिका दीदी ने कहा कि श्राद्ध घटना से हमें सीख लेने की जरूरत है. बच्चों में संस्कार बिठाकर ही ऐसी घटनाओं से बचा जा सकता है। युवाओं को भक्ति मार्ग से जोड़ने का आह्वान किया।