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Dholpur दस्युओं के लिए बदनाम रहे गांव झील की बदल रही फिजा

 
Dholpur दस्युओं के लिए बदनाम रहे गांव झील की बदल रही फिजा
धौलपुर न्यूज़ डेस्क , धौलपुर जिले के बसेड़ी उपखण्ड के गांव झील को कभी दस्युओं की खान कहा जाता था लेकिन अब यहां की फिजा बदल रही है। कभी यहां के लोग सरकार को चैलेंज देते थे लेकिन अब वह उसी का हिस्सा बन रहे हैं। ये सब शिक्षा के उजियारे से हुआ है। युवाओं के साथ गांव की स्थानीय महिलाएं आत्म निर्भर हो रही हैं। हाल में झील गांव की दो महिलाओं का महिला स्वास्थ्य कार्यकर्ता (एएनएम) में चयन हुआ है। जबकि एक वक्त था इस गांव से एक भी व्यक्ति सरकारी सेवा में नहीं था। लेकिन धीरे-धीरे गांव का माहौल बदला और ग्रामीणों ने बच्चों की शिक्षा पर ध्यान दिया। वर्तमान में गांव से करीब 8 युवा सरकारी सेवा में कार्यरत हैं।

गांव से रहे 7 इनामी दस्यु : उपखण्ड के झील गांव किसी समय दस्युओं के लिए खासा बदनाम रहा था। यहां पर कभी 7 इनामी दस्यु थे जिसमें दस्युओं में गोपाल कुशवाह, साबू, छत्तर, राजकुमार, कल्लू व दीना शामिल है। साल 1994 से 2010 तक यहां दस्युओं की गतिविधि रही थी। पुलिस आएदिन गांव में इन्हें तलाश करने पहुंचती थी। दस्युओं की वजह से घर में वीरानी जैसा माहौल रहता था। पुलिस के पकडऩे से डर से लोग गांव में नहीं रहते थे। लेकिन बाद में धीरे-धीरे ग्रामीणों ने शिक्षा पर ध्यान दिया। इससे स्थिति बदली। गांव में आज 12वीं तक का स्कूल है। बिजली, पानी और स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध हैं।

ये भी सरकारी सेवा में

गांव झील से कुछ युवा भी सरकारी सेवा में हैं। इसमें माधव सिंह शिक्षक, प्रद्युमन सिंह आर्मी, योगेश कुशवाह नर्सिंग ऑफिसर, राजू सिंह आर्मी में क्लर्क, भगवान सिंह शिक्षा सहायक हैं। अब गांव के कई दूसरे युवा बसेड़ी और धौलपुर में रह कर प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे हैं। शिक्षक अजमेर सिंह इस गांव से लगातार जुड़े हैं। उन्होंने अभिभावकों को पढ़ाई के जागरुक किया। वे कहते हैं कि बंदूक लेकर बीहड़ में उतरना विकास का माध्यम नहीं, केवल शिक्षा ही एकमात्र जरिया है जिससे व्यक्ति का विकास हो सकता है।