Dholpur आधार कार्ड की तर्ज पर तैयार हो रही छात्रों की 12 अंकों की अपार आईडी
राजस्थान में ब्यावर जिला टॉप पर
प्रदेश में ब्यावर जिला आईडी बनाने के मामले में अव्वल है। यहां अभी तक 2 लाख 65 हजार 956 बच्चों में से 1 लाख 82 हजार 197 बच्चों की अपार आईडी बन चुकी है। यानी यहां 9 नवंबर तक 68.51 प्रतिशत कार्य पूर्ण हो चुका है। तो वहीं प्रदेश में अंतिम पायदान पर रायपुर ग्रामीण है। जहां अभी तक केवल 41.10 प्रतिशत ही कार्य हो सका है। यहां अभी तक 6 लाख 88 हजार 621 बच्चों में से 2 लाख 83 हजार 56 बच्चों को अपार आइडी मिल चुकी हैं। दूसरे नंबर पर डूंगर पर जिला है जहां 2 लाख 42 हजार 917 आइडी जनरेट की गई हैं। यहां पात्र बच्चों की संया 3 लाख 62 हजार 59 है।
कार्ड की मदद से मिलेगा यह लाभ
यह एक 12 अंकों का यूनिक नंबर होगा। यह वन नेशन, वन स्टूडेंट आईडी के तौर पर काम करेगा। यह राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 का ही हिस्सा है। इसमें मासिक, त्रैमासिक, अर्द्धवार्षिक और वार्षिक परीक्षाओं के परिणाम पीटीएम उपस्थिति सहित अन्य जानकारी भी रहेगी। इसी को अपार आईडी नाम दिया गया है। सहमति पत्र के बाद यू डायस पोर्टल पर अपार मॉड्यूल में छात्र को दिए फॉर्म को भरना होगा।अपार कार्ड के लिए विद्यार्थी के नाबालिग होने पर अभिभावक से सहमति पत्र लेना होगा। कार्ड की मदद से छात्रों की शैक्षिक प्रगति और उपलब्धि की ट्रैकिंग होगी। यह कार्ड बेसिक से लेकर माध्यमिक विद्यालयों में पढऩे वाले छात्रों के बनाए जा रहे हैं।
फर्जीवाडा रोकने में आईडी रहेगी कारगर
अपार आईडी बनाने से फर्जीवाडे पर रोक लगेगी। पूरा रिकॉर्ड अपार आईडी में ही रहेगा। लोग अब चाह कर भी फर्जी दस्तावेज नहीं बनवा पाएंगे। इससे पारदर्शिता आएगी। कई बार देखा जाता है कि कई लोग नौकरी के चक्कर फर्जी दस्तावेज बनवा लेते हैं। ऐसे में योग्य उमीदवार रोजगार से वंचित रह जाते हैं। अपार आइडी के जरिए नियोक्ता एक क्लिक में उमीदवार की सारी जानकारी देख सकेंगे और सही उमीदवार का चुनाव कर सकेंगे।
आईडी की रतार में बाधा बन रहा आधार
धौलपुर जिले में बच्चों की अपार आईडी क्रिया धीमी है। जिसमें सबसे जयादा परेशानी बच्चों के आधार से ही आ रही है। आधार आईडी में पूर्व में हुई गलतियों का खामियाजा अब लोगों को भुगतना पड़ रहा है। जिस कारण अभिभावक बच्चों की अपार आईडी के लिए दस्तावेज सुधारने यानी करेक्शन के लिए भटक रहे हैं। आपको बता दें कि आधार कार्ड में किसी भी प्रकार के सुधार करने पर वो करीब 2 महीने का समय लेता है। ऐसी स्थिति में अब परिजन या तो इतना इंतजार करें या फिर अपार आईडी ही ना बनवाएं,परिजनों के सामने असमंजस की स्थिति बन चुकी है।