Dholpur अतिक्रमण हटाने में वन विभाग का भेदभाव पूर्ण रवैया
धौलपुर न्यूज़ डेस्क , धौलपुर क्षेत्र में प्रशासन सहित वनविभाग के अधिकारियों सरकारी भूमि से अतिक्रमण हटाने में भेदभाव कर रहे हैं। प्रशासन ने एक माह पूर्व कस्बा में वनभूमि पर निर्माणाधीन दुकानों को महज दो घंटे में जमींदोज कर वनभूमि को मुक्त करा लिया था। लेकिन नवीन बस स्टैंड के समीप कीमती वनभूमि से अतिक्रमण हटाने में विभागीय अधिकारी आनाकानी कर रहे हैं। जबकि वनविभाग ने अतिक्रमियों को नोटिस तक जारी नहीं किए गए हैं। कस्बा में वनविभाग के अधिकारियों की दोहरी मानसिकता देख लोगों में आकोश है। हालांकि वनभूमि पर अतिक्रमण का विभाग के उच्च अधिकारियों तक को अंदाजा है।
फिर भी सरकारी भूमि से अतिक्रमण नहीं हटाया जा रहा है। प्रशासनिक एवं वनविभाग के अधिकारियों के ढिलमुल नीति के कारण अतिक्रमियों के हौसले बुलंद हैं। सरमथुरा निवासी दिनेश मित्तल ने वनमंत्री को शिकायत करते हुए बताया कि राजस्व रिकॉर्ड में पटवार हल्का प्रथम अन्तर्गत खसरा नंबर 504/2578 रकवा 10.05 हेक्टेयर वनविभाग के नाम इन्द्राज हैं। वनभूमि की कीमत करोड़ों में हैं। उन्होंने बताया कि राजस्व विभाग की टीम ने इस वनभूमि की पैमाइश कर सीमांकन भी कर दिया है। लेकिन वन विभाग के अधिकारी वनभूमि से अतिक्रमण को हटाना ही नहीं चाहते हैं। तत्कालीन तहसीलदार ने टीम बनाकर इस जमीन की पैमाइश करके वनभूमि को चिह्नित भी कर चुके हैं। लेकिन सरकार के बदलने के कारण अधिकारी वनभूमि से अतिक्रमण हटाने में कोताही बरत रहे हैं। स्थिति यह है कि बस स्टैंड के समीप वनभूमि का अस्तित्व खत्म होने के कगार पर पहुंच गया हैं।