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Dausa भीषण ठंड और पाले से फसलों को नुकसान की संभावना

 
Kota 2 दिन की राहत के बाद फिर कड़ाके की सर्दी पड़ी, ठंड बढ़ी

दौसा न्यूज़ डेस्क, दौसा जिले में लगातार दूसरे दिन भी मौसम पूरी तरह साफ है, लेकिन कड़ाके की सर्दी का असर बरकरार है। साथ ही कोहरा भी नहीं देखने को मिला। यहां गुरुवार को सुबह-सुबह न्यूनतम तापमान 6 डिग्री सेल्सियस रहा, जबकि दिन का तापमान 22 डिग्री सेल्सियस रहने की संभावना है। बुधवार को भी दिन में तेज धूप खिली थी, इसलिए आज भी तेज धूप के असर से दिन में सर्दी से राहत रहेगी।

मौसम विशेषज्ञों का मानना ​​है कि जब आसमान साफ ​​हो, हवा न चले और तापमान में काफी गिरावट आए, तो पाला पड़ने की संभावना बढ़ जाती है। यदि दोपहर से पहले दिन में ठंडी हवा चल रही हो और हवा का तापमान बहुत कम होने लगे और दोपहर बाद अचानक हवा चलना बंद हो जाए, तो पाला पड़ने की संभावना बढ़ जाती है।

शीतलहर और पाले से फसलों को नुकसान की संभावना को लेकर कृषि विभाग ने एडवाइजरी जारी की है। पाले के कारण पौधों की कोशिकाओं में मौजूद पानी जमने से कोशिका भित्ति फट जाती है, जिससे पौधों की पत्तियां, कलियां, फूल और फल खराब हो जाते हैं। उन्होंने बताया कि रबी की फसलों में फूल आने और बाली बनने के समय पाला पड़ने पर सबसे अधिक नुकसान होने की संभावना होती है। इस समय किसानों को सतर्क रहना चाहिए और फसलों को बचाने के उपाय अपनाने चाहिए।

फसल सुरक्षा के लिए बताए ये उपाय फसलों को पाले से बचाने के लिए 0.1 प्रतिशत सल्फ्यूरिक एसिड यानी एक लीटर सांद्र सल्फ्यूरिक एसिड को एक हजार लीटर पानी में घोल बनाकर फसलों पर छिड़काव करें या फिर 0.2 प्रतिशत घुलनशील सल्फर के घोल का भी छिड़काव कर सकते हैं। नकदी सब्जी की फसलों में मिट्टी का तापमान गिरने से बचाने के लिए उसे टाट, पॉलीथिन या पुआल से ढक देना चाहिए। पाले वाले दिनों में फसलों में सिंचाई करने से भी पाले का असर कम होता है। पाले के स्थाई समाधान के लिए खेत की उत्तर-पश्चिम दिशा में मेड़ों पर घने ऊंचे पेड़ लगाएं।