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Churu रेत से सोना-चांदी निकालने के हुनरबाज हैं निवारिया जाति के लोग

 
Churu रेत से सोना-चांदी निकालने के हुनरबाज हैं निवारिया जाति के लोग
चूरू न्यूज़ डेस्क, चूरू राजस्थान की मिट्टी सोना है, मरुस्थल की माटी में सिलिकॉन जैसा सोना भी है, लेकिन इस ओर अभी तक किसी का ध्यान नहीं गया है। भले ही सरकारी स्तर पर इस ओर ध्यान नहीं दिया गया हो, लेकिन चूरू अंचल में एक ऐसी जाति है निवारियां जिसे रेत से सोना निकालने की महारत हासिल है। निवारिया जाति के पास रेत से सोना निकालने का जो हुनर है उसका कोई तोड़ नहीं है। उसे प्रोत्साहन भले ही नहीं मिला, लेकिन आज भी इस जाति के अनेक लोग यही काम कर रहे हैं।हालांकि, इस जाति में नई पीढ़ी अपने इस परंपरागत हुनर से मुंह मोड़ रही है, लेकिन चूरू में कई परिवार आज भी अपने इस पुश्तैनी काम के माध्यम से नालियों से रेत से सोना चांदी निकालने काम में जुटे हैं। यह तो नालियों की रेत की बात है लेकिन वैसे भी यदि राजस्थान की स्वर्णमयी धोरों की ओर यदि इस ओर सरकार जरा भी ध्यान दे तो राजस्थान की रेत अरब के तेल को भी मात दे सकती है।

पुरा परिवार जुटा रहता था शोधन में

कोई ज्यादा पुरानी बात नहीं है करीब दो-तीन दशक पूर्व तक चूरू की निवारिया जाति के परिवार के परिवार रेत शोधन के काम में जुटे रहते थे। यह वह समय था जब शहर सडक़े कम हुआ करती थी और कच्ची नालियों के पास और बारिश के समय निवारिया जाति के लोग गलियों से रेत उठाकर उसमें से सोना चांदी निकाल लिया करते थे। अब शहर में सडक़े बन गई हैं, इसलिए बारिश का पानी नाले नालियों में जाता है, तो नई पीढ़ी के लोग अपने इस पुश्तैनी काम के प्रति उदासीन हुए हैं। फिर भी पुराने लोग आज न केवल अपने इस पुश्तैनी कला की मशाल थामे हुए हैं, बल्कि रेत से सोना चांदी निकालने से मुंह नहीं मोड़ा है।

अब सर्राफा बाजार की नालियों से निकालते हैं माद

चूरू के निवारिया जाति के हुनरबाज लोग पहले गलियों नालियों से रेत बाहर निकाला करते थे तो बारिश के दिनों में गलियों की रेत से कुछ चुनकर एकत्रित कर लिया करते थे। अब शहर में नाले नालिया पक्के बन गए है तो सर्राफा बाजार की खुली नालियों रेत निकालते हैं। किसी बर्तन में रेत निकालकर ये लोग अपने घर लेजाकर पानी से शोधन करते हैं। आम बोलचाल की भाषा में न्याहरी यानि नितारने की एक प्रकिया, जिसमें रेत से धातुओं को अलग किया जाता है। धातुओं से छानबीन कर ये आग में तपाकर धातुओं से सोना, चांदी को अलग कर लेते हैं। इनकी ओर से शोधन किया हुआ सोना चांदी सर्राफ बाजार में बेचते हैं यही इनकी आजीविका का मुख्य साधन है।