Chittorgarh अब ग्राम पंचायतें होंगी हरी-भरी, विकसित करेंगे पौधशाला
चित्तौड़गढ़ न्यूज़ डेस्क, चित्तौड़गढ़ वन विभाग की नर्सरी की तर्ज पर अब चित्तौड़गढ़ जिले की ग्राम पंचायतों सहित प्रदेश की सभी ग्राम पंचायतों में भी पौधशालाएं विकसित की जाएंगी। इससे पंचायतें पौधारोपण के कार्य में आत्मनिर्भर बनेंगी। वहीं, वन विभाग पर निर्भरता से मुक्ति मिलेगी। पौधारोपण से गांव भी हरे-भरे होंगे। हरियालो राजस्थान के तहत यह काम महात्मा गांधी नरेगा योजनांतर्गत किया जाएगा। जिले की 299 ग्राम पंचायतों में पौधशालाओं के लिए स्वीकृति प्रदान की गई है।
यह होंगे फायदे
पंचायत स्तर पर पौधशाला की सुविधा से किसानों को नजदीक में अपने खेत पर लगाने के लिए पौधे उपलब्ध होंगे। ग्रामीणों को घर पर बागवानी के लिए पौधे लेने दूर स्थित नर्सरी के चक्कर नहीं लगाने पड़ेंगे। सार्वजनिक पार्क, बगीचे व औद्योगिक क्षेत्रों में बड़ी संया में पौधरोपण के लिए पौधों की कमी नहीं रहेगी। ग्राम पंचायत की आय भी बढ़ेगी।
प्रत्येक पौधशाला में 5 हजार पौधे तैयार होंगे
पौधशाला निर्माण के लिए प्रत्येक पंचायत को करीब साढ़े चार लाख रुपए मिलेंगे। हर पौधशाला में औषधीय, फल, छायादार पेड़ आदि प्रजाति के 5 हजार पौधे तैयार किए जाएंगे। बारिश में इन पौधों को पंचायत क्षेत्र के सरकारी कार्यालयों, नदी, तालाब सहित अन्य स्थानों पर रोपित व ग्रामीणों को वितरित किए जाएंगे। पौधशाला की देखभाल के लिए कर्मचारी रखा जाएगा।