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Chittorgarh 11 साल में 20 हजार से ज्यादा सरकारी स्कूलें घटी, 4 हजार से ज्यादा निजी बढ़ी

 
Chittorgarh 11 साल में 20 हजार से ज्यादा सरकारी स्कूलें घटी, 4 हजार से ज्यादा निजी बढ़ी

चित्तौरगढ़ न्यूज़ डेस्क, चित्तौरगढ़  प्रदेश में सरकारी व निजी स्कूलों से जुड़ा रोचक आंकड़ा सामने आया है। पिछले 11 साल में प्रदेश में 20 हजार 588 सरकारी स्कूलें घटने के साथ 4303 निजी स्कूलें बढ़ी हैं।इस आंकड़े के बावजूद सरकारी स्कूलों का 14 लाख तो निजी स्कूलों का नामांकन 12 लाख बढ़ा है। ये स्थिति तब है जब कोरोना काल के बाद सरकारी स्कूलों के नामांकन में करीब 19 लाख की कमी आई है। ऐसे में सरकारी स्कूलों के एकीकरण सरीखी सरकारी नीति कारगर साबित होती दिख रही है।इसलिए घटी सरकारी स्कूलें19 लाख से ज्यादा गिरा नामांकनछह साल में निजी स्कूलों का ग्राफ भी घटाएक दशक में ऐसे आया बदलाव

पिछली भाजपा सरकार की एकीकरण की नीति के तहत कम नामांकन वाली स्कूलों का नजदीकी स्कूलों में समायोजन। जिसके तहत 22 हजार से ज्यादा स्कूलें बंद हुई।

सरकारी स्कूलों में शिक्षकों व मूलभूत सुविधाओं की कमी।

निजी स्कूलों में अध्ययन को सामाजिक प्रतिष्ठा से जोड़कर देखने की अभिभावकों की मानसिकता।

कई शिक्षकों के स्कूलों से गायब रहने, एवजी शिक्षकों से अध्ययन कराने व अपराधिक कृत्य की वजह से सरकारी शिक्षकों के प्रति समाज में बनती नकारात्मक भूमिका।

आरटीई के तहत गरीब वर्ग के बच्चों का भी निजी स्कूलों की तरफ पलायन।

निजी शिक्षण संस्थाओं का आधुनिक सुविधाओं से युक्त शिक्षण व परिणाम।

सरकारी स्कूलों के लिए नामांकन के लिहाज से कोरोना काल सबसे अच्छा रहा। प्रवासियों के लौटने व फीस के बोझ से बचने के लिए अभिभावकों के सरकारी स्कूलों की तरफ रुझान से सत्र 2021- 22 में नामांकन 99.3 लाख तक पहुंच गया था पर इसके बाद शुरू हुई नामांकन में गिरावट इस सत्र में 19 लाख तक पहुंच गई।