Bundi करोड़ों के भुगतान अटके, पट्टों के लिए आवेदक भटक रहे
पट्टों के लिए लगा रहे चक्कर : नगर परिषद में दर्जनों लोग पट्टों लिए शुल्क जमा करवाने के बाद भी भटक रहे है। वहीं पट्टों के अभाव में आवेदकों को लोन सहित अन्य कार्य नहीं होने से भवन निर्माण नहीं करा पा रहे है।
पट्टे दिलवाए जाने के लिए नगर परिषद के पार्षद प्रदर्शन तक कर चुके है, वहीं कई बार डीएलबी में भी शिकायत की जा चुकी है, फिर भी आवेदकों को राहत नहीं मिली है। नगर परिषद में ओंकार लाल पुत्र टमटीलाल एवं अंकित शर्मा पुत्र मिलन शर्मा द्वारा 1 वर्ष पूर्व ही 90 ए के लिए आवेदन करके शुल्क भी जमा कर दिया है और अब अपने नियमन के लिए इंतजार कर रहे हैं। इस संबंध में नगर नियोजन कार्यालय से भी रिपोर्ट प्रस्तुत हो चुकी है, लेकिन आयुक्त द्वारा इस पर कार्रवाई कर नियमन नहीं किया जा रहा है ऐसा इन्हीं पत्रावली में नहीं ऑनलाइन लगी 13 पत्रावलिया और ऑफलाइन की कम से कम 15 पत्रावली पेंडिंग है, जिससे नगर परिषद को लाखों की राजस्व प्राप्त हो सकती है।
कजली मेले का भुगतान अब तक नहीं
नगर परिषद की ओर से भरवाए जाने वाले कजली मेले में स्थानीय दुकानदारों का भुगतान अब तक नहीं किया गया है। मेला संयोजक मानस जैन ने बताया कि करीब साठ लाख रुपए का भुगतान बकाया है, जिसमें स्थानीय चाय वाला, फुल माला, नाश्ता, साफा वाला, लाइट, टैंट, डेकोरोशन, वाटर कैपर, सफाई कर्मी आदि शामिल है। भुगतान के लिए स्थानीय स्तर से डीएलबी तक भुगतान की मांग की चुकी है, लेकिन अब तक नहीं है। इसका असर आगामी मेले पर भी पड़ेगा।
संवेदक लगा रहे परिषद के चक्कर
जानकारी अनुसार काफी समस से निर्माण कार्य से जुड़े संवेदकों का भुगतान नहीं किया गया है, ऐसे में दो करोड़ से अधिक तो सडक़ निर्माण कार्य के संवेदकों को भुगतान किया जाना है। वहीं पालिका में ठेके पर लगे कर्मचारियों के करीब पचास लाख से अधिक, विभिन्न कार्यों के एक करोड़ से अधिक से भुगतान किया जाना है। वहीं मनरेगा श्रमिकों को 15 अक्टूबर के बाद से किए गए कार्यों का भुगतान नहीं किया गया है।नगर परिषद के सभी कार्स सुचारू रूप से चल रहे है। पट्टे बना दिए गए है। शीघ्र वितरित किए जाएंगे। डबल एओ लगा दिया गया है। कजली मेले का भुगतान नगर परिषद में है, जिसका भी शीघ्र कर दिया जाएगा। राज्य सरकार जन कल्याण के कार्य कर जनता को अधिक राहत देने का प्रयास कर रही है। वहीं यहां अधिकारियों की वजह से छवि धूमिल हो रही है। कार्य नहीं हो पाने से लोग नगर परिषद के चक्कर लगा रहे है।