Bikaner खाजूवाला में प्रतिदिन सैकड़ों क्विंटल हरी लकड़ियां अवैध रूप से काटी जा रही, जिम्मेदार बेखबर
किसान भी खेतोंकी मेढ़ पर लगे हरे पेड़ों पर कुल्हाड़ीचलाने से बाज नहीं आ रहे हैं। येवन-माफिया किसान के नाम सेतहसीलदार से मात्र 5 पेड़ों को हटानेकी अनुमति की आड़ में ना जाने उस कितने पेड़ काट देते हैं। वनमाफियाओं पर नियंत्रण नहीं नहीं होनेके कारण जहां कभी घना जंगल हुआ करता था, वहां पर अब कटे पेड़ों केठूंठ ही नजर आते हैं।पिछले मंगलवार की रात 9 बजे खाजूवाला पुलिस सर्किल पर अवैध लकड़ियों से भरा ट्रैक्टर रेहड़ा होनेकी सूचना सीसीएफ बीकानेर,डीएफओ छत्तरगढ़ वीरभद्र मिश्र, एसीएफ खाजूवाला रविन्द्र सिंह जोधा तथा स्थानीय रेंजर को दूरभाष पर ग्रामीणों ने सूचना दी लेकिन कार्रवाईनहीं हुई।शुक्रवार सुबह पांच बजेवन-विभाग के रेंजर, एसीएफ तथा डीएफओ को फिर से दूरभाष परसूचना दी गई कई अवैध लकड़ियोंका परिवहन किया जा रहा है। सुबह 6.20 बजे सीसीएफ बीकानेर हनुमानाराम को दूरभाष पर इसआशय की दुबारा शिकायत की गई।तब जाकर स्थानीय वन-विभागप्रशासन हरकत में आया औरवन-विभाग के कर्मचारियों ने मौकेपर पहुंचकर एक ट्रैक्टर रेहड़ा पकड़ा।
वहीं शिकायत कर्ता के नाम व नम्बरमाफिया तक पहुंच रहे हैं जिससे उनकेहौसले टूट रहे हैं। वन माफियाओंद्वारा खाजूवाला से रावला, 365 हेड,घड़साना एवं आस-पास की विभिन्नआरा मशीनों पर धड़ल्ले से विभिन्नप्रकार की लकड़ी का अवैध परिवहनकिया जा रहा है। बॉर्डर एरिया होने केकारण बॉर्डर एवं इसके आस-पास केग्रामीण आंचल में रात को समयसमय पर बीएसएफ द्वारा भी रात्रिगश्त करते हुए रेहड़ों को पकड़करवन विभाग के हवाले किया गया। बिश्नोई समाज के पूर्व अध्यक्ष प्रशांत बिश्नोई का कहना है कि हमने पूर्व में छत्तरगढ़ डीएफओ, एसडीएमखाजूवाला को हरे पेड़ों की हो रहीअवैध कटाई को लेकर ज्ञापन कईबार दिए हैं फिर भी प्रशासन द्वारा इसओर कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा।अब हमे पेड़ों को बचाने के लिएआंदोलन का ही रास्ता अपनानापड़ेगा।हमारा महकमा यही चाहता है कि पेड़ ना कटे मगर ऐसा नहीं हो रहा। जबसे सृष्टि बनी है तब से अपराध हो रहा है। ईश्वर भी तय नहीं कर पा रहा,वही अपराधी पैदा करता है और शरीफ। समय-समय पर कार्रवाई करते हैं,स्थानीय स्तर के अधिकारी ही इस संबंध में ज्यादा बता सकते हैं।
